नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
आम चुनाव आते ही नैनीताल के दो चुनावजीवी अक्सर याद आ जाया करते हैं. चुनाव चाहे विधानसभा के हों अथवा लोकसभा के अथवा उस क्षेत्र से दूसरे उम्मीदवार कितने ही कद्दावर हों, इसका उनकी सेहत पर कोई अस... Read more
आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
भोगीलाल जी से मिलूँ और कुछ कथनीय-पठनीय न बने, असम्भव है. कभी-कभी तो वो कथनीय-पठनीय अविश्वसनीय भी होता है. हालाँकि इस बार मुलाकात को अविश्वसनीय बनाने में भोगी भाई से अधिक भूमिका शर्मा जी की थ... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिल के चमन को खिलाता है कोई छिपला जाने के लिए बरम वाला रास्ता चुना था. बरम से पद यात्रा शुरू हुई. दिन दोपहरी चलना हुआ. बरम खूब उमस भरा था. खूब पसीना बहा.... Read more
स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
ओ भीना कसी के जानू द्वारहाटा, हिट साई कौतिक जानू द्वारहाटा… उत्तराखण्ड के रहने वाले लोगों ने और ख़ासकर अल्मोड़ा और कुमाऊँ के रहने वालों ने ये गीत ज़रूर सुना होगा. उत्तराखण्ड के सांस्कृ... Read more
कहानी: सूरज के डूबने से पहले
–धर्मपाल सिंह रावत “जरा सांस ले ले. बस थोडा और रह गया है, आ गई तैल्या की धार, वहाँ टावर आ जाता है.” अपनी सत्तर साल की पत्नी को हिम्मत बंधाते हुए बोल पड़े पचहत्तर साल के शं... Read more
कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
कहानियों का नदी की तरह कोई मुहाना नहीं होता ना ही सितारों की तरह उनका कोई आसमान. एक सजग दृष्टि और कानों की एकाग्रता किसी भी विषयवस्तु को कहानियों का चोला पहना देती हैं. (Story by Sunita Bhat... Read more
“जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
2024 का लब्ध प्रतिष्ठित “इरेमस” पुरस्कार प्रख्यात रचनाकार अमिताव घोष को प्रदान किया गया है. यह इस सन्दर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उनके द्वारा प्रकृति और मानव के सहजता पूर्ण स... Read more
होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
होली के त्यौहार को कुमाऊँ में अलग अलग अन्दाज़ में मनाया जा रहा है. बैठकी होली का दौर तो चलता ही है, साथ-साथ पुरुषों की खड़ी होली और महिलाओं की खड़ी होली भी पूरे जोश से मनाई जाती है.(Photos o... Read more
पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
पहाड़ की होली और होल्यारों की यादो का रंगीन पिटारा जहा भी खुले शमां रंगमस्त हो जाता है. कभी वक्त था जब लोग होली में गाव घरों को जाने का मन बहुत पहले बना लेते थे. नौकरी के लिये प्रवास में रह र... Read more
आज जब एक साल बाद नैनीताल आई, तो लगा जो भी यहाँ से लेकर गई हूँ, सारी अच्छी-बुरी यादें, खट्टे-मीठे पल और सब अहसासों का एक सुनहरा अनुभव, उन सब को संजो लेती हूँ, कैद कर लेती हूँ. अपनी छोटी सी दु... Read more