पुराने समय में अन्य यात्राओं की तरह चार धाम यात्रा भी पैदल ही हुआ करती थी. दिनों दिन की पैदल चल यात्रा पूरी हुआ करती थी. ऐसे में पैदल चलने वाले इन यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाले ठौर-ठिका... Read more
भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी पर उत्तराखंड की स्नेह राणा ने पिता को याद कर लिखी भावुक पोस्ट
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों में एकता बिष्ट, मानसी जोशी का नाम सभी जानते हैं. भारत की बेहतरीन क्रिकेटर में ही एक नाम स्नेह राणा का भी है. इंग्लैंड दौरे के लिए इस दफ... Read more
नियति निर्देशक की कारिस्तानी
ये मई का महीना है. साल है दो हज़ार इक्कीस. इस वक़्त भारत में लॉक-डाउन लगा हुआ है. मैं घर में हूँ, और कर्म गति पर चिंतन कर रहा हूँ. कबीरदास जी याद आ रहे हैं- करम गति टारे नाहिं टरी.(Satire by... Read more
कहानी नैनी-सैनी हवा पट्टी बनने की
बरसों पहले की बात है जब पिथौरागढ़ सोर घाटी के नैनी-सैनी सेरे में धान की फसल लहलहाती थी. बढ़िया सिंचित जमीन, चौरस पट्टी. इसमें तब बांजा पड़ गया जब ये तय हुआ कि इतनी दूर तक फैली जमीन पर तो हवा... Read more
‘झूलाघाट’ की कहानी
अल्मोड़ा-झूलाघाट अश्व-मार्ग/पैदल मार्ग का अंतिम पड़ाव सीमान्त क़स्बा झूलाघाट था. 1829 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनवाये गए झूलापुल के आर-पार नदी किनारे कोई बस्ती नहीं थी. भारतीय क्षेत्र मे... Read more
मुझे अपने बूबू (दादा जी) की खूब याद है. अब तो उन्हें गुजरे हुए भी चालीस साल के ऊपर हो गए हैं. उनका चेहरा अब मेरी स्मृति में थोड़ा धुंधला जरूर पड़ता जा रहा है, लेकिन उनकी कितनी ही बातें अभी त... Read more
आदिकालीन मंदिरों में से एक है नीलेश्वर महादेव
उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है. यहाँ हरेक स्थान पर, प्रत्येक पहाड़ के शिखर पर देवी-देवता का वास है. जगह-जगह देवताओं से जुड़ी स्मृतियाँ पायी जाती है. हरिद्वार-ऋषिकेश तो एक तरह स... Read more
एवरेस्ट शिखर पर पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल
आज सुबह 5 बजे पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल अपने दल पर एवरेस्ट शिखर पर पहुंचे. त्रिशूल, गंगोत्री तृतीय, बलजोरी, लामचीर, बीसी रॉय आदि एक दर्जन से अधिक चोटियां फ़तेह कर चुके मनीष ने आज सुबह यह कारना... Read more
बैंक से कर्जा लेकर कुमाऊंनी भाषा की पहली फिल्म बनाने वाले ‘जीवन सिंह बिष्ट’ का जन्मदिन है आज
अस्सी का दशक था और गढ़वाली भाषा में एक के बाद एक तीन फ़िल्में आ चुकी थी. कुमाऊनी लोग अब भी इंतजार में थी अपनी पहली कुमाऊनी फिल्म के. लोग हिम्मत करते पर फिर आर्थिक स्थिति के चलते हार मान लेते.... Read more
अपनी बात मैं अपने उन पुरखों से शुरू करना चाहता हूं, जो आदि मानव कहलाते थे, जंगलों और गुफाओं में रहते थे. खेती और पशुपालन की शुरूआत उन्होंने ने ही की थी. उन्हीं में से शायद कभी, हमारे किसी पु... Read more