केदारघाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्यमिकता के लिए जानी जाती है. लेकिन इस घाटी में सनातन धर्म के तीन प्रमुख संप्रदायों शैव, वैष्णव और शाक्त का समन्वय भी देखने को मिलता है. जिससे यह अपन... Read more
बाघ का पंजा
इस मनुष्यभक्षी का कार्यकाल समाप्त हो गया था. जिन लोगों ने उसे मृत्यु तक पहुँचाया था, वे हीरो बन चुके थे. उन्हें फूलों की मालाएं पहनाई जा रही थीं और गाँव की सबसे ऊंची बैलगाड़ी पर शान-बान से ब... Read more
छपरा के रहने वाले अल्मोड़ा में बेच रहे हैं काफल
अरे हाँ, काफल पर याद आया. पिछले वर्ष खड़ा-खड़ी अल्मोड़ा जाना हुआ. समय ऐसा ही रहा होगा और तभी काफल भी आने शुरु हो गए थे. पहाड़ जाने पर मेरे साथ दो चीजें होतीं हैं. हल्द्वानी तक गया तो भट, गौह... Read more
किराए का रावण
आज चिमनी और लालटेन ने गैस दादा (पेट्रोमैक्स) को घेर ही लिया. कहानी सुनाने के लिए पीछे पड़ गए. “कितनी कहानियां तो सुना दी है तुमको, अब और कहानियां कहां से लाऊं,” गैस दादा बोल पड़े... Read more
रं समाज की संस्कृति से रूबरू कराता यात्रा वृत्तांत : जितनी मिट्टी उतना सोना
बेशक यात्रावृतान्त आपने बहुतेरे पढ़े होंगे. सामान्यतः कोई यायावार कहीं भ्रमण पर जाता है तो यात्रा के दौरान विभिन्न मुकामों का यात्रा वृतान्त, मार्ग में आई कठिनाइयों अथवा सुखद अनुभवों, भौगोलि... Read more
उत्तराखंड, भारत का एक प्रमुख प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक धरोहर का स्थान है. इस प्रांत की अलकनंदा, मंदाकिनी, गंगा नदियां और नैनीताल और अल्मोड़ा जैसे गहरे वन्यजीवन संरक्षित क्षेत्र और प्राचीन... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं भटियाखान के इस तप्पड़ से आगे छिपला की ओर जाते जूता चप्पल सब उतर जाता है. सारी चढ़ाई नंगे पाँव. यहां ढाल वाले चपट... Read more
कई बार उन्हें केवल हंसाने वाला कवि मान लिया जाता रहा है पर शेरदा की कविता में गहरा जीवनदर्शन है. मिसाल के तौर पर उनकी एक मशहूर कृति ‘बुड़ी अकावौ प्रेम’ यानी ‘घोर बुढ़ापे की... Read more
मासी का सोमनाथ मेला
उत्तराखण्ड में लगने वाले मेले यहाँ के लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ कर रखते हैं. इन मेलों में पहाड़ के लोगों का अपनी परंपरा के प्रति उत्साह और समर्पण देखने को मिलता है. कुमाऊँ के अ... Read more
अस्कोट-आराकोट यात्रा 25 मई से
यात्रा प्रारम्भ – 25 मई, 2024, 11 बजे सुबह, पांगूयात्रा समाप्ति – 8 जुलाई, 2024, आराकोट आगामी 25 मई 2024 से आरंभ होने वाला अस्कोट-आराकोट अभियान छठी यात्रा है. यह अभियान का पचासवां साल भी है.... Read more