उत्तराखंड की पहली प्रकाशक बिटिया
अप्रत्याशित खबर की तरह हिंदी समाज की जुबान पर ‘दून लिटरेचर फेस्टिबल 2016’ छा गया. मुख्य परिकल्पना उत्तराखंड की दो बेटियों – गीता गैरोला और रानू बिष्ट – की थी जिनके कारोबारी हाथों के रूप में... Read more
200 साल पहले ऐसा दिखता था चम्पावत
कुमाऊं के सबसे पुराने शहरों में एक शहर है चम्पावत. काली कुमाऊं की राजधानी के रूप में जाना जाने वाला यह शहर हमेशा से इस क्षेत्र की राजनीति के केंद्र में रहा. चम्पावत के किले और शहर की यह पेंट... Read more
वकील साहब आज भी कोई दलील नहीं सुनते!
‘आज फिर उधार करना पड़ा बेटा’… उनकी आवाज़ में कुछ बूँदें थीं. फोन पर एक घरघराहट थी जो निस्संदेह फोन की नहीं थी.वकील साहब फोन पर कम ही बात करते थे. (Story by Amit Srivastava)... Read more
ये लीजिए आपके लिए हेल्थ इन्वेस्टमेंट प्लान!
इन दिनों लगभग हर व्यक्ति ने कोई न कोई एसआईपी (SIP) यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान लिया हुआ है. हर बैंक और वित्तीय संस्थानों के अपने-अपने प्लान है. आदमी सारी गणनाओं के बाद कि उसे कहां से... Read more
माना जाता है कि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से इस संसार को गीता के उपदेश दिये थे. इसी कारण इस दिन को गीता जयंती के रूप में देशभर में मनाया... Read more
आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ की दावत थी. शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फुर्सत न थी. पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्खी और पाउड़र को मल... Read more
पीएचडी का स्टॉकहोम सिंड्रोम
प्रश्न “पीएचडी का प्राप्य स्टॉकहोम सिंड्रोम है.” प्रियोस्की के इस कथन के प्रकाश में पीएचडी के विभिन्न चरणों की व्याख्या करिये. (60अंक)(PhD Stockholm Syndrome) उत्तर भारत एक महान देश है. यहाँ... Read more
150 साल पहले ऐसा दिखता था अल्मोड़ा बाज़ार
अपने इतिहास के अलावा अल्मोड़ा अपनी खूबसूरती के लिये खूब जाना जाता है. अल्मोड़ा की ख़ास आबोहवा हर किसी को इस शहर का दिवाना बना देती है. कुमाऊं में दो नदियों के बीच बसे इस शहर के एक हिस्से को... Read more
2021 में फिल्म फेयर में पुरुस्कारों की श्रेणी में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिये एक नई श्रेणी जोड़ी गयी. 2021 के फिल्म फेयर अवार्ड की इस श्रेणी में सुनीता रजवार को बेस्ट स्पोर्टिंग एक्ट्रेस का अवा... Read more
अंग्रेजी राज में पहाड़ का पानी
किसी इलाके में रहने वाले लोग अपने कामकाज को वहां के पर्यावरण व परिवेश के हिसाब से न केवल निर्धारित करते है बल्कि मात्रा व गुणवत्ता की दृष्टि से उन्हें विकसित करने के प्रयत्न व प्रयास भी करते... Read more