आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी केबिनेट के साथ शपथ लेंगे. लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद से ही यह बात चलने लगी थी कि मोदी कैबिनेट में उत्तराखंड का कौन सा सांसद चुना जायेगा. इस... Read more
मार्कण्डेय की कहानी ‘हंसा जाई अकेला’
वहाँ तक तो सब साथ थे, लेकिन अब कोई भी दो एक साथ नहीं रहा. दस-के-दसों अलग-अलग खेतों में अपनी पिण्डलियाँ खुजलाते, हाँफ रहे थे.(Hansa Jaye Akela Story) “समझाते-समझाते उमिर बीत गई, पर यह माटी का... Read more
अल्मोड़े का लच्छी राम थिएटर उर्फ़ रीगल सिनेमा
1968-69 का अल्मोड़ा शहर और उसकी शांत मॉल रोड जिस पर बड़े डाकख़ाने के निकट स्थित था, अल्मोड़े का प्रमुख मनोरंजन केंद्र – रीगल सिनेमा. उस समय रेडियो पर प्रसारित गिने-चुने कार्यक्रमों और फ़िल्म... Read more
पत्नी का पत्र
श्रीचरणकमलेषु, आज हमारे विवाह को पंद्रह वर्ष हो गए, लेकिन अभी तक मैंने कभी तुमको चिट्ठी न लिखी. सदा तुम्हारे पास ही बनी रही. न जाने कितनी बातें कहती सुनती रही, पर चिट्ठी लिखने लायक दूरी कभी... Read more
1955 भारत और सोवियत संघ के बीच गर्मजोशी के रिश्तों का बरस था. भारत के दौरे पर सोवियत रूस के दो बड़े नेता आये और भारत और सोवियत रूस के बीच संबंधों का एक नया अध्याय लिखा जाना था. रूस से आये दो... Read more
आज आंचलिक त्यौहार वट सावित्री है
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आज का दिन बड़ा पवित्र माना जाता है. आज महिलाएं वट सावित्री का उपवास रखती हैं. ज्येष्ठ मास, कृष्णपक्ष में मनाया जाने वाला यह त्यौहार पति की दीर्घायु, अखंड सौभाग्... Read more
सैर सपाटा और फर्राटा नहीं हैं चार धाम
भारत में उत्तराखंड की चार धाम यात्रा की परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है. दुर्गम और उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण यह चार धाम यात्रा, मात्र धामों के दर्शन की परंपरा नहीं थी बल्कि अम... Read more
गढ़वाल हिमालय के नैसर्गिक स्थलों और जनजीवन को चित्रित करती पुस्तक ‘परियों के देश खैट पर्वत में’
किसी भी स्थान अथवा क्षेत्र विशेष के इतिहास, समाज, संस्कृति और वहां की सभ्यता से साक्षात्कार करने की दिशा में यायावरी की एक बड़ी भूमिका रहती है. यात्रा के दौरान एक संवेदनशील एवं जिम्मेदार घुम... Read more
कुमाऊनी बोली के प्रकार
ग्रियर्सन, गंगादत्त उप्रेती तथा बद्रीनाथ पांडे और राहुल सांकृत्यायन ने कुमाऊं में प्रचलित बोलियों के नमूने दिए हैं. एक उदाहरण द्वारा बोलियों का अंतर स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है. पंडित... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : हवाओं पै लिख दो हवाओं के नाम हवाएं बिल्कुल सर्द हैं, हिमकणों की फुहार से भरी हैं. वेग से आती थपेड़े की तरह चुभती है और चेहरे को, माथे को सुन्न कर देती है.... Read more