कुछ दिनों से एक खबर सुर्ख़ियों में बनी हुई है जो एक बाघिन के प्रति मानवीय संवेदनाओं को ज़ाहिर करती है और उसके प्रति उसके चाहने वालों का प्यार और सम्मान को दर्शाती है. मध्य प्रदेश के सिवनी स्... Read more
दीप रजवार देश के चर्चित वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स में से हैं. 10 सालों से जिम कॉर्बेट पार्क की जैव विविधता को कैमरे में कैद करते आ रहे दीप ने रामनगर में एक वाइल्डलाइफ आर्ट गैलरी की शुरुआत की ह... Read more
बाघिन का घातक हमला
कुछ दिनों पहले की बात है, मैं रामनगर की कोसी नदी पर सूर्यास्त को अपने मोबाइल पर क़ैद कर रहा था. पानी में पढ़ती हुई सूर्य की गुलाबी किरणें नदी को एक अलग ही सौन्दर्य प्रदान कर रही थी. (M... Read more
12 अगस्त, 2020 को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व हाथी दिवस’ मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य हाथियों के संरक्षण, उनके गैर-कानूनी शिकार और उनके दाँतों के लिए होने वाली तस्करी को रोकने, उनके कम हो... Read more
सीताबनी की बाघिन के योद्धा बनने की कहानी
सिताबनी रिज़र्व फ़ॉरेस्ट अपनी बेजोड़ जैव विविधता के लिए जाना जाता है चाहे वनराज हो, नागराज हो या गजराज हो हर तरह के पशु-पक्षियों और जीवों का यहाँ बसेरा है. यह एलिफेंट कोरिडोर के लिए भी जाना... Read more
जन्मदिन की शुभकामनायें जिम कॉर्बेट साहब
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875-19 अप्रैल 1955) जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से दुनिया भर के लोग भली भाँति परिचित हैं. इस पार्क को यह नाम जेम्स एडवर्ट जिम कॉर्बेट से मिला. (Edward James Corbe... Read more
कहानी जंगल की : एक शानदार दिन
पिछले सोमवार की बात है जब वाट्सएप स्टेट्स के माध्यम से मुझे पता चला कि एक बाघ सुबह रामनगर सिताबनी मार्ग पर कोसी की तरफ जाता हुआ दिखा है. देखने से ये वही बाघिन थी जो इस क्षेत्र में अक्सर नज़र... Read more
मित्र वही जो विपत्ति में काम आये
ज़रूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है इस मुहावरे का असली अर्थ सही मायनों में मुझे इस घटना के द्वारा ही पता चला. (Memoirs of Corbett Park by Deep Rajwa हुआ यूँ कि एक दिन जंगल स... Read more
अभी कुछ दिनों पहले की बात है सीताबनी मार्ग पर विचरण करने के दौरान मुझे एक नाले से मोर के बोलने की आवाज़ आयी, जो एक अलार्म कॉल थी. इसका मतलब था कि उसे कोई ऐसा मांसाहारी जीव नज़र आ गया था जो उ... Read more
एक दर्द भरी दास्ताँ
चलिये आज आपको साल 2016 में ले चलता हूँ. जुलाई का महीना लग चुका था और दिन का खाना खाने के बाद मैं गहरी नींद में सोया हुआ था. तक़रीबन शाम के 4 बज रहे होंगे जब मेरी नींद एक फोन की रिंग ने ख़राब... Read more