अंततः हल्द्वानी का हिमालय
एक: मेरे गाँव से हिमालय हिमालय के बारे में मैंने बड़े नाटकीय अंदाज़ में जाना. हिमालय के बीच ही पैदा हुआ था, इसलिए उसके बारे में अलग से जानने की, खासकर किताबी ढंग से जानने की इच्छा का दबाव कभ... Read more
इस बात की चर्चा अब बेकार है कि कितनी उम्मीदों के साथ रामगढ़ की महादेवी वर्मा के मीरा कुटीर को संग्रहालय बनाया गया था. चलिए, जो बीत गया, सो बात गई. रामगढ़ में ही एक और जगह है: टाइगर टॉप, जिसक... Read more
मेरा पैतृक गाँव ब्रिटिश अल्मोड़ा के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक छोटा-सा गाँव है, ‘छानगों’; मगर शुरू से ही इसे ‘छानागाँव’ नाम से पुकारा जाता है. यह गलती इतनी बार दुहराई जाती रही है कि गलत शब्द... Read more
नैनीताल की झील में एक खतरनाक जीवाणु का घर है
यह शोध हमारे विश्वविद्यालय में वनस्पति-विज्ञान के प्रोफ़ेसर साहब ने किया था. हिंदी समाज के आम प्राध्यापक की तरह वो एकेडेमिक विषयों पर हिंदी में बोलने में संकोच करते थे, जब मज़बूरी हुई तब भी... Read more
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का मशहूर निबंध है ‘कुटज’. गिरिकूट यानी पहाड़ों की चोटी पर पैदा होने वाला वृक्ष है कुटज. कठिन पहाड़ी परिस्थितियों के बीच पैदा होने पर भी अपने अतुलनीय सौन्दर्य से स... Read more
गलत वर्तनी वाले पंडित, घूंघट वाले ठाकुर, छोटा ‘सा’ वाले बनिये और प्रदेश की ईंट-से-ईंट जोड़ते रहे एससी-एसटी शिल्पकार क्या इस बिल का फायदा उठा पाएंगे? (OBC Bill Uttarakhand Reference) जिन दिनो... Read more
हम लोगों के बीच उम्र का बहुत अंतर तो नहीं था, मगर मेरे कॉलेज में प्राध्यापक बन जाने के बाद उनका प्रवेश विद्यार्थी के रूप में हुआ था. वह हिंदी के छात्र भी नहीं थे, हालाँकि उनकी बातों से उनकी... Read more
ठुलदा की कहानी
आखिर गुजर गए 32, बड़ा बाज़ार, मल्लीताल के हमारे ठुलदा वर्ष 2013 में एक महत्त्वाकांक्षी योजना के रूप में मैंने अपनी नैनीताल की स्मृतियों पर केन्द्रित आत्मकथात्मक आख्यान ‘गर्भगृह में नैनीताल’... Read more
पिछली सहस्राब्दी के आखिरी महीने में अपने हंगेरियन विद्यार्थियों को मैंने अपने इलाके का परिचय देने के लिए मशहूर लोकगायक नैन नाथ रावल का यह कुमाऊनी गीत सुनाया :(Himuli Hyoon Pado Nainnath Rawa... Read more
हमारी धरती में नायकों की कभी कमी नहीं रही. चाहे जितने गिना लीजिए. आजादी से पहले भी, और बाद में भी. इन नायकों का समर्पण भी याद करने लायक रहा है. मगर आजादी के तिहत्तर सालों के बाद उन्हें नाम स... Read more