छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: सारा जमाना ले के साथ चले
पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: बेचैन बहारों को गुलजार हम करें पिथौरागढ़ आते ही नैनीताल वाली आम आदत फिर से रूटीन पकड़ गई और ये थी शहर की परिक्रमा की. जिसे डोलीना कहा जाता. रोज... Read more
पहाड़ की पहली पशु चारा नीति
प्राकृतिक वनस्पतियों से समृद्ध हैं उत्तराखंड के पहाड़. भूगर्भ व जलवायु की भिन्नता से अनेक वनस्पति प्रजातियों की सघनता के साथ गुणवत्ता में अनमोल .पहाड़ों में पशुओं के चारे की आपूर्ति इन्हीं इ... Read more
पहाड़ी खेती : जलागम योजना के फलसफे
पहाड़ में खेती लाभप्रद नहीं रह गई है इसलिए अब किसान परंपरागत रूप से चले आ रहे कृषि के काम-धंधे से छिटक रहे हैं. पहाड़ में कृषि से मिलने वाली आय परिवार के जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त नहीं सा... Read more
उत्तराखंड : आगम और व्यय की कदमताल
कहते हैं कि कविताओं में बड़ी धार होती है. उत्तराखंड के भाबर तराई और पहाड़ के लिए किये जाने वाले खर्च का ब्यौरा देता 2022-23 का बजट आखिर में गाता चलता है अटल जी की कविता, “कदम मिला कर च... Read more
पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: मुड़ मुड़ के न देख “ऊपर गाड़ी में सामान किसका है, रस्सी से बंधा”? बिल्कुल पैक हो गई रोडवेज की सुबह सात बजे नैनीताल से पिथौरागढ़ चलन... Read more
छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: मुड़ मुड़ के न देख
पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अंतरकथा : जिंदगानी के सफर में, हम भी तेरे हमसफ़र हैं “दस ग्यारह साल की उम्र रही होगी तब से उस पहाड़ पर जाने की जिद करते थे. आपुँ.. हो, कुन्ना बाबू. खूब... Read more
चीना रेंज में घने जंगल के बीच में रांची बिल्कुल सुनसान जगह में था जहां फारेस्ट क्वाटर थे. हमारा घर थोड़ी ऊंचाई पर था तो बाकी क्वाटर उससे नीचे. ज्यादातर वन विभाग के लोगों की ही आवत-जावत होती.... Read more
छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: उसके इशारे मुझको यहाँ ले आए
पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अंतर्यात्रा : आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम छिपलाकोट तक पहुँचने के तीन मुख्य पथ हैं. इनमें पहला जौलजीबी-मुनस्यारी मोटर सड़क पर मदकोट के पास शेराघाट से चेरती ग्व... Read more
पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अंतर्यात्रा : यूँ शाख पे उगतीं हैं कोमल कोंपलें सुबह जब भी आँखें खुलती खिड़की से आती धूप सीधे आँखों पर पड़ती. सामने दिखता वह पहाड़. अब बिस्तर पर पड़े रहने, लधरन... Read more
पिथौरागढ़ घूमते हुए चंडाक से मोष्टा मानू और आगे छेड़ा गाँव की ओर निकल जाइये. पंचचूली की नयनाभिराम पर्वत श्रृंखला के दाहिनी ओर दूर तक पसरी हुई छिपला कोट की मनमोहिनी पट्टी आपको दिखाई देगी. वही... Read more