जाड़ इलाके की नमकीन चहा ‘ज्या’
उच्च हिमालय और सीमांत के इलाके में उत्तरकाशी से आगे गंगोत्री मार्ग में पसरी है भैरोघाटी. भैरो घाटी से ऊपर पश्चिमी इलाके कारछा, हिण्डोली और निलांग गाँव हैं. इस जिले को च्छोङ्गसा कहते हैं. स्थ... Read more
सीमांत हिमालय के अनवाल
गोरा रंग पीला पड़ा हुआ. धूप में तपा भी, ठंड से सिकुड़ा भी. हवा के थपेड़ों से सिर में भूरे बाल आपस में उलझे. छोटी तिरछी भूरी आँखें हैं.उभरी हुई दिखती भूरी पलकें. चौड़ाई लिया माथा जिन पर कई लक... Read more
बद्रीनाथ भगवान ज्यू की कथा
बद्रीनाथ जहां स्वर्गीय वृक्षों से पुष्पराशि झरती है. जहां सीमांत के अंतिम गाँव की कौमारिकायें मंगल गान करती हुई आराध्य को घृत कम्बल पहनाती हैं. जहां शीतकाल में देवता धरती से उतर कर नारद के स... Read more
कहानी नैनी-सैनी हवा पट्टी बनने की
बरसों पहले की बात है जब पिथौरागढ़ सोर घाटी के नैनी-सैनी सेरे में धान की फसल लहलहाती थी. बढ़िया सिंचित जमीन, चौरस पट्टी. इसमें तब बांजा पड़ गया जब ये तय हुआ कि इतनी दूर तक फैली जमीन पर तो हवा... Read more
आजादी के लिए टिहरी रियासत का संघर्ष
टिहरी राजा के राज में ब्रिटिश हुक्मरान गवर्नर हेली ने एक अस्पताल बनाना चाहा. यह अस्पताल नरेंद्र नगर में बनना था. इसकी नींव रखे जाने के सारे प्रबंध टिहरी के राजा ने कर दिए. रियासत में मुनादी... Read more
उत्तराखंड में पूजे जाने वाले नागराजा
उत्तराखंड गढ़वाल मण्डल में ऐसा कोई जनपद नहीं जहां श्री कृष्ण के रूप में पूजे जाने वाले नागों के मंदिर न हों.अनेक वैष्णव मंदिर नागराजा मंदिर और नागराजा मंदिर वैष्णव मंदिर कहे गए जिसका कारण यह... Read more
गाँव में जाती है देव डोली. यह वर्षों से चली आ रही पहाड़ की प्राचीन परंपरा है. इसके जन-कल्याण से सम्बन्धित अधिमान इसे आदर्श लोक परंपरा का रूप देते हैं. गाँव के हर सदस्य, हर मौ, हर द्वार, हर प... Read more
दारमा, व्यास और चौदास का अलौकिक सौंदर्य
एटकिंसन ने 1866 में अपने ग्रन्थ ‘हिमालयन गज़ेटियर’के भाग तीन में “भोटिया महाल” में विस्तार से दारमा परगने का वर्णन किया है. स्ट्रेची और ट्रेल ने भी अपने यात्रा विवरण... Read more
पिथौरागढ़ में मिशनरी का इतिहास
एक सौ पचास साल हो चुके हैं जब पिथौरागढ़ के सिलथाम में एक प्राथमिक स्कूल खुला था और उसमें सिर्फ एक बच्ची का प्रवेश हुआ था. लड़कियों की पढ़ाई लिखाई की यह शुरुवात थी.एक ऐसी लहर जो सोर घाटी में... Read more
गढ़वाल के बुग्याल
‘नंदादेवी का सफल आरोहण’ के लेखक पर्वतारोही टी. जी. लांगस्टाफ उत्तराखंड हिमालय से सम्मोहित अभिभूत व रोमांचित रहे. इस सुरम्य अल्पाइन भू भाग के भ्रमण व कई यात्राओं से मुग्ध हो उन्हो... Read more