कहानी: रेल की रात
-इलाचंद्र जोशी गाड़ी आने के समय से बहुत पहले ही महेंद्र स्टेशन पर जा पहुंचा था. गाड़ी के पहुंचने का ठीक समय मालूम न हो, यह बात नहीं कही जा सकती. जिस छोटे शहर में वह आया हुआ था, वहां से जल्दी... Read more
सितम्बर 2023 को राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित युवा कवि विहाग वैभव की कविताओं का बहुचर्चित संकलन ‘‘मोर्चे पर विदा गीत’’ की उपरोक्त पंक्तियाँ और अन्य कवितायें पढ़ने को मिलीं. पुस्तक को पढ़ते हुए... Read more
परी कथा : सोई हुई राजकुमारी और अजनबी राजकुमार
एक राज्य में बहुत ही दयालु राजा अपनी रानी के साथ ख़ुशी-ख़ुशी रहता था. उसका राज्य भी ख़ुशहाल था, लेकिन बस एक ही दुख था कि उसकी कोई संतान नहीं थी. रानी रोज़ ईश्वर से संतान प्राप्ति का आशीर्वा... Read more
लोक कथा : स्नो व्हाइट और सात बौने
यह बेहद पुरानी बात है, एक राज्य की रानी सर्दियों के समय खिड़की के पास बैठकर कुछ सिल रही थी. अचानक सुई उसकी उंगली में चुभ गई और रानी के रक्त का क़तरा पास की बर्फ पर जा गिरा. इस घटना को देख रा... Read more
प्रेमचंद की कहानी : बड़े भाई साहब
-प्रेमचंद मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े थे, लेकिन केवल तीन दरजे आगे. उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैंने शुरू किया था; लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दबाज़ी... Read more
चर्चाओं में है अल्मोड़ा की निर्भीक बकरी की कहानी
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree 12th फेल नाम की फिल्म इन दिनों काफ़ी चर्चा में है. दर्शकों द्वारा खूब पंसद की जा रही यह फिल्म असल में भारतीय पुलिस सेवा के... Read more
शेखर जोशी की कहानी ‘सिनारियो’
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अपना सफरी थैला, स्लीपिंग बैग और फोटोग्राफी का भरपूर सामान ले कर जब वह गाँव पहुँचा, सूर्यास्त का समय हो चला था. महेश का घर ढ... Read more
दूध और दवा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree बात बहुत छोटी-सी है, नाजुक और लचीली, पर मौका पाते ही सिर तान लेती है. कोई काम शुरू करने, सोने या पल-भर को आराम से पहले लगता... Read more
अजब है मूली पर यह फसक
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree हिन्दुस्तानी टेलीविजन और सिनेमा की दुनिया को बनाने और बदलने का रास्ता दिखाने वाले मनोहरश्याम जोशी की किस्सागोई से कौन अपरचि... Read more
जैसा भी था आदमी का बच्चा तो था
केशरू एक गुट्मुटी और बेडौल कद काठी का भोला भाला इंसान था. मेरी कैलकुलेशन के हिसाब से वह लगभग पौने फिट का भी क्या रहा होगा. हो भी सकता है कि मेरे अनुमान में एकाद इंच की घट बढ़ रही होगी. लेकिन... Read more