जंग बहादुर: एक मेहनतकश पहाड़ी डोटियाल की कहानी
बादामी रंग के पुराने कागज के टुकड़े पर लिखी हुई रसीद उंगलियों में थामे हुए, जब मैं कुलियों के चित्रगुप्त अर्थात ठेकेदार की ओर से मुंह फेरकर बाहर बुझने से पहले जल उठने वाले दीपक-जैसी संध्या क... Read more
अक्सर बचपन में दादा दादी के कहानियाँ-किस्सों में सुना करते थे उनके ज़माने की कई सारी बातें. इन किस्से-कहानियों को सुन कर बड़ा आनन्द आता था. हमें लगता था जैसे सब कुछ हमारे सामने घट रहा है. दादी... Read more
सामान्यतः पहाड़ के गांव की महिलाओं के दैनिक जीवन का स्वरूप अत्यधिक व्यस्त और संघर्षमय रहता है. छह ऋतुओं, 12 महीने उनके पास हर माह, हर दिन और हर घंटे के लिए कोई न कोई काम बना ही रहता है. खे... Read more
माँ का जादुई बक्सा
हलवाई पांचवीं बार अपना हिसाब करने आया था. (Mother’s Magic Box) —’तुम्हारा कितना हुआ भाई’ पापा पांचवीं बार उससे पूछ रहे थे. सोचते थे शायद इस बार कुछ कम बता दे. अंदर आकर अपना... Read more
‘सिल्वर वेडिंग’ मनोहर श्याम जोशी की कालजयी कहानी
जब सेक्शन ऑफीसर वाई․डी․ (यशोधर) पन्त ने आखि़री फ़ाइल का लाल फ़ीता बाँध कर निगाह मेज़ से उठायी तब दफ़्तर की पुरानी दीवार घड़ी पाँच बजकर पच्चीस मिनट बजा रही थी. उनकी अपनी कलाई घड़ी में साढ... Read more
कहानी : बयान इक़बालिया
‘इसे क्या हुआ है इतना गुमसुम क्यों है’ चौकी इंचार्ज साहब ने दस मिनट बाद ही पूछ लिया. (Bayan Iqbaliya) ‘सर जबसे चीला बैराज से लौटा है… दो घण्टे से ऐसे ही बैठा है.... Read more
‘जिस मकान पर आपके बेटे ने ही सही, बडे़ फख्र से ‘बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ की तख़्ती टांग दी थी, उसमें देवकी पर्वतीया का खून-पसीना लगा है. यह नाम कभी आपने ही उन्हें दिया था लेकिन नेम प्लेट पर अप... Read more
चालाक खरगोश ने हाथियों के झुंड को भगा दिया
एक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था. झुंड के सरदार को गजराज कहते थे. वो विशालकाय, लम्बी सूंड तथा लम्बे मोटे दाँतों वाला था. खंभे के समान उसके मोटे मोटे पैर थे. जब वो चिंघाड़ता था तो सारा वन... Read more
‘वेश्या की लड़की’ सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी
छाया, प्रमोद की सहपाठिनी थी. प्रमोद, नगर के एक प्रतिष्ठित और कुलीन ब्राह्मण परिवार का लड़का था. और छाया? छाया थी नगर की एक प्रसिद्ध नर्तकी की इकलौती बेटी. नगर में एक बहुत बड़ा राधाकृष्ण का म... Read more
कौवों और उल्लुओं की लड़ाई: एक कहानी पंचतंत्र से
दक्षिण देश में महिलारोप्य नाम का एक नगर था. नगर के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ था. उसके घने पत्तों से ढकी शाखाओं पर पक्षियों के घोंसले बने हुए थे. उन्हीं में से कुछ घोंसलों में कौवों के बहुत से... Read more