महेश चंद्र पुनेठा की किताब ‘अब पहुँची हो तुम’
एक कविता संग्रह में सामान्यत: अलग-अलग थीम्स पर कविताएं लिखी जाती हैं. क्या अलग-अलग थीम पर लिखी गई कविताओं में कोई समानता हो सकती है? उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ी ज़िले पिथौरागढ़ से शिक्षा समानत... Read more
साधो, बीता साल गुज़र गया और नया साल शुरू हो गया. नए साल के शुरू में शुभकामना देने की परंपरा है. मैं तुम्हें शुभकामना देने में हिचकता हूँ. बात यह है साधो कि कोई शुभकामना अब कारगर नहीं होती. म... Read more
लोक कथा : चाँद और सूरज आसमान में क्यों रहते हैं?
कई बरस पहले पानी और सूरज बहुत अच्छे दोस्त थे और दोनों ही धरती पर एक साथ रहा करते थे. सूरज अक्सर पानी से मुलाक़ात करने उसके घर ज़ाया करता लेकिन पानी कभी भी सूरज के घर उससे मिलने नहीं गया. आख़... Read more
डूबता शहर: टिहरी बांध बनने में शिल्पकार समाज के संघर्षों का रेखांकन करने वाला उपन्यास
साहित्यकार ‘बचन सिंह नेगी’ का मार्मिक उपन्यास ‘डूबता शहर’ “…शेरू भाई! यदि इस टिहरी को डूबना है तो ये लोग मकान क्यों बनाये जा रहे हैं. शेरू हंसा ‘चैतू! यही तो निन्यानवे का च... Read more
गांव के उन रास्तों पर अब कोई नहीं चलता
छोटी-छोटी सड़कों ने पहाड़ों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इन सड़कों के कारण तमाम रास्ते बंद हो गए जो पहाड़ में समाज को जोड़ा करते थे. इन रास्तों से चलकर ही खुशी-गमी की खबरें एक गांव से दूसरे ग... Read more
पहाड़ी इस्कूली छोरों के चोरी के किस्से
बचपन गांव में बीते और कभी चोरी नहीं की हो ये हो नहीं सकता. पहाड़ में प्राकृतिक चीजों की चोरी से इस्कूली छ्वोरों को कोई गुरेज नहीं रहता. लड़के आलू के गुटके बनाना हो तो आलू चोरी, ककड़ी, नींबू,... Read more
ललित मोहन रयाल का नया उपन्यास ‘चाकरी चतुरंग’
व्यावहारिक- सामाजिक सन्दर्भों में ‘व्यवस्था’ का दृश्य-अदृश्य जितना व्यापक प्रभाव है साहित्यिक-सामाजिक विमर्श में ये उतना ही सामान्यीकृत पद है. इसे लेकर विवेचन के सन्दर्भ बहुत संक... Read more
‘पूस की रात’ दर्द और दोस्ती की कहानी
हल्कू ने आकर स्त्री से कहा- सहना आया है, लाओ, जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला तो छूटे. मुन्नी झाड़ू लगा रही थी. पीछे फिरकर बोली- तीन ही तो रुपये हैं, दे दोगे तो कम्मल कहाँ से आवेग... Read more
कृश्न चंदर की कहानी : जामुन का पेड़
रात को बड़े ज़ोर का झक्कड़ (आंधी) चला. सेक्रेटेरियट के लाॅन में जामुन का एक दरख़्त गिर पड़ा. सुबह जब माली ने देखा तो इसे मालूम पड़ा कि दरख़्त के नीचे एक आदमी दबा पड़ा है. (krishan Chanders S... Read more
कहानी : निपल्ट है जो
सारा सामान राधे ने सार कर सड़क पर पंत की दुकान तक पहुंचा दिया था. शंभुवा बैग लेकर खड़ा था उस के इंतजार में. उसने चूअ वाले दरवाजों को ठेलकर सांकल लगाई और ताला लगाकर धेई पर सिर रख दिया. शंभुवा... Read more