नशा : मुंशी प्रेमचंद की कहानी
ईश्वरी एक बड़े ज़मींदार का लड़का था और मैं एक ग़रीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद न थी. हम दोनों में परस्पर बहसें होती रहती थीं. मैं ज़मींदारी की बुराई करता, उन्हें... Read more
नया क़ानून: सआदत हसन मंटो की कहानी
मंगू कोचवान अपने अड्डे में बहुत अक़लमंद आदमी समझा जाता था. गो उस की तालीमी हैसियत सिफ़र के बराबर थी और उस ने कभी स्कूल का मुंह भी नहीं देखा था लेकिन इस के बावजूद उसे दुनियाभर की चीज़ों का इल... Read more
कोट फट गया : नैनीताल का क़िस्सा
– अनिरुद्ध कुमार आठ बज रहे थे और नैनीताल की सर्दियों की रात शहर पर उतर चुकी थी. आप जानते ही हैं कि पहाड़ों की सर्दियों में हाल कैसा होता है. हर इंसान या तो रजाई में घुस चुका था या रजाई... Read more
बुद्धिमान मां और उसके बेवकूफ बेटे की कहानी
एक गांव में एक औरत और उसका बेटा पुरु रहता था. मां जितनी बुद्धिमान थी पुरु उतना ही नासमझ. जब पुरु बड़ा हुआ तो उसने अपनी मां से कहा कि वह धन कमाने के लिये शहर जाएगा. पहले तो पुरु की मां से उसे... Read more
मणिया: अमृता प्रीतम की कहानी
संध्या गहराने को थी, जब विद्या के पति जयदेव अपने काम से वापस आए और विद्या ने घर का दरवाज़ा खोलते हुए देखा, उनके साथ एक अजीब-सा दिखता आदमी था, बहुत मैला-सा बदन और गले में एक लंबा-सा कुर्ता पह... Read more
पहाड़ी बारिश की ध्वनियां
रात भर बारिश टिन की छत को किसी ढोल या नगाड़े की तरह बजाती रही. नहीं, वह कोई आंधी नहीं थी. न ही वह कोई बवंडर था. वह तो महज मौसम की एक झड़ी थी, एक सुर में बरसती हुई. अगर हम जाग रहे हों तो इस ध... Read more
घर-वापसी : बेला नेगी की कहानी
फेसमास्क लापरवाही से गले पर लटकाये, अधीरता से गाड़ी की खिड़की से अंदर झांकते हुए, पुलिस वाला शेखर को शक की निगाह से घूर रहा था — नाजुक नाक-नक्श, गोरी त्वचा जो उम्र के बजाये सुस्त स्वास... Read more
गौर्दा की कुमाऊनी कविता ‘झन दिया कुल्ली बेगार’
मुल्क कुमाऊँ का सुणि लिया यारो,झन दिया कुल्ली बेगार.चाहे पड़ी जा डंडै की मार,झेल हुणी लै होवौ तय्यार. तीन दिन ख्वे बेर मिल आना चार,आंखा देखूनी फिर जमादार.घर कुड़ि बांजि करि छोड़ि सब कार,हांक... Read more
मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘क्याप’ से मूली फसल
बाहर वालों को हमारी उस किस्म की गप्पें भी पसंद आयीं, जिनमें हम ऐसा जताते थे मानों गिनीज बुक आफ रिकार्ड में जा सकने योग्य सभी अद्भुत घटनायें और चीजें हमारे इलाके में होती हों. फर्ज़ कीजिये कि... Read more
खट्टी चटनी जैसी माँ
खट्टी चटनी जैसी माँ बेसन की सोंधी रोटी परखट्टी चटनी जैसी माँ याद आती है चौका-बासनचिमटा फुकनी जैसी माँ बाँस की खुर्री खाट के ऊपरहर आहट पर कान धरे आधी सोई आधी जागीथकी दोपहरी जैसी माँ चिड़ियों... Read more