देश के विभिन्न सूबे सहित उत्तराखंड इन दिनों कोरोना की काली छाया से बचे रहने के लिए लॉकडाउन का पालन कर रहा है. सामाजिक दूरी इसकी पहली शर्त है, इसलिए सभी लोग अपने घरों में बने हैं. इधर के कुछ... Read more
लाड़ से भरे बचपन के गीतों की किताब : घुघूति बासूति
घुघूति बासूतीआमा कां छ?खेत में छ.कि करन रे छ?(Ghughuti Basuti Uttarakhand Children Songs) दुनिया के किसी भी कोने में जब ये शब्द कान में पड़ते हैं तो आंखें बंद हो जाती हैं और सुकून से भरा एक च... Read more
आज का अल्मोड़ा देख सुमित्रानंदन पन्त नहीं लिख पाते : यह है अल्मोड़े का बसंत
लो चित्र शलभ सी पंख खोल, उड़ने को है कुसमित धाती.यह है अल्मोड़े का बसंत, खिल उठी निखिल पर्वत घाटी. ये पंक्तियाँ हिन्दी के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पन्त ने शहर अल्मोड़ा के सौन्दर्य को लेकर... Read more
घट के पाट और चोखी बसंतमूली की सब्जी
ह्यून में अच्छा झड़ पड़े और बसंत में डाल न बरसे तो हमारे गाँव में इतना गेहूं तो हो जाता कि छ: साथ महीने तक गुजारा चल जाय. जिस साल चौमास सही बरसा और ह्यून सूखा न जाए तो फागुन चैत तक गाड़ किना... Read more
सेम मुखेम, गंगू रमौल और सिदुआ-बिदुआ की कथा
उत्तरकाशी का टकनौर परगना जो जान्हवीं औरभागीरथी नदियों का जलागम प्रदेश रहा. वारागड़ी पट्टी इलाके तक फैला. साथ ही जिसमें कठूड़ पट्टी भी शामिल थी और प्रताप नगर भी. पहाड़ के इस अधिपति की बा... Read more
समधी के ओड्यार में तीन रातें
हमें घर से निकले पांच-छह दिन तो हो ही गए होंगे और पिछले चार दिन से बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी. जिस दिन से हम कनार से ऊपर चले तब से मानो असमान हमसे नाराज हो गया. पहले दिन हमने कनार से... Read more
पहली मिलम यात्रा के शुरूआती दो दिनों में मुझे और कमल दा को एक चीज का पक्का पता चल गया था कि हमारे साथी फ़कीर दा हमको बच्चा समझ कर हमारा भौत चूरन काट रहे थे. चूँकि हम सकल सूरत और जेब से कत्तई... Read more
कोरोना संकट के बीच पिथौरागढ़ के दो गावों ने साबित किया सोरयाली सबसे ख़ास हैं
कल एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि पिथौरागढ़ वाले खास हैं. इस आपदा की स्थिति में सब एक दूसरे का साथ दे रहे हैं. तो हाँ, सोरयाली इस बात में कुछ तो खास हैं. इस एक बात से एक बात और जोड़ दूं, वो... Read more
जिन्होंने अपनी रांच पर पहाड़ को बुना…
जब बर्फ पिघल कर नदियों को जवान कर रही थी और बुरांश पहाड़ को रक्तिम, तब रेशम की लकीरों पर अपनी भेड़ों को हांकते रं और शौका व्यापारी माल भाभर के खत्तों को छोड़ पहाड़ की और लौट रहे थे. इनकी भेड... Read more
उत्तराखंड सीमांत और नेपाल की विभाजक है काली नदी. 1815 के बाद ब्रितानी हुकूमत ने नेपाल को कालीपार सीमा से बांध दिया. इस घटना पर मोलाराम ने लिखा: डोटी मांहि गोरषा बैठे, कालीवार इंगरेज हि बै... Read more