पिथौरागढ़ और दुनिया के सबसे मेहनती नेपाली मजदूर
नेपाल के मजदूर सालों से पिथौरागढ़ के लोगों का बोझा ढो रहे हैं. मजदूरी करने वाला नेपाल का प्रवासी पिथौरागढ़ में अपने से बड़ी महिलाओं को ‘ओ दिदी’ कहता है और अपने से छोटी को ‘... Read more
बेकाम समझे जाने वाले पिरूल से इंटरनेशनल सुर्खियां बटोरने वाली अल्मोड़ा की मंजू से मिलिये
अल्मोड़ा के द्वाराहाट कस्बे में रहने वाली मंजू रौतेला साह को साल 2019 में कोलकाता में बेस्ट अपकमिंग आर्टिस्ट का अवार्ड मिला. यह अवार्ड उन्हें इण्डिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल की ओर से दिया गय... Read more
मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर चुका, बड़े सारे देशों में घुमा हुआ एक पहाड़ी शख्स इन दिनों सोशियल मीडिया में छाया हुआ है. कभी च्यूड़ा चना नमकीन, काले भट्ट की चुटकांणी, कभी मडुए के बर्गर की ल़जीज... Read more
इन मुश्किल दिनों में फिजिक्स की मुफ्त ऑनलाइन क्लासेज लगा रहे हैं खलीफा अध्यापक मनमोहन जोशी
इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में विद्यार्थियों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो रहा है. इसकी भरपाई के लिए नगरों-कस्बो और गाँवों के अनेक विद्यालय अपने बच्चों के लिए ऑनलाइन क... Read more
लॉकडाउन के दिनों में लाखों बच्चों का हीरो बन कर उभरा द्वाराहाट का नौ साल का टीचर बच्चा अनन्त घुघत्याल
द्वाराहाट नाम के छोटे से कस्बे में रहने वाले नौ साल के एक बच्चे ने लॉक डाउन के दिनों में भी खुद को ढेर सारे कामों में व्यस्त रखते हुए खुद को पढ़ाने का एक बिलकुल नया तरीका खोज निकाला है. Anan... Read more
मुरली सी सरसता वाला दीवाना कवि : मुरली दीवान
मुरली दीवान. एक ऐसा नाम जो समकालीन गढ़वाली कवियों में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं. एक ऐसा कवि जो कबीर की तरह व्यंग्य को हथियार बनाता है और उन्हीं की तरह ठेठ लोक समाज से शब्द, बिम्ब और विषय भी... Read more
दूनागिरी पर्वत उपत्यका में बसी द्वाराहाट की नयनाभिराम कौतुक भरी पर्वत घाटी धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध होने के साथ ही सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से भी विशिष्ट बनी रही है. महाभारत... Read more
1815 में गोरखों को पराजित कर अंग्रेजी शासन की नींव उत्तराखण्ड में रख दी गई. गोरखा-ब्रिटिश युद्ध 1814 से 1816 के मध्य चला तथा इस युद्ध के समय भारत के गवर्नर जनरल फ्रैंसिस रॉडन हेस्टिंग्स था ज... Read more
तराई और उसके रहवासियों का इतिहास
कहा जाता है कि प्राचीन महाकाव्य काल में उत्तराखंड का तराई -भाभर इलाका ऋषि मुनियों की तपोस्थली थी. सीतावनी में महर्षि वाल्मीकि का आश्रम बताया गया. मान्यता है कि सीता माता ने यहीं अपना वनवास ब... Read more
सदेई : भाई-बहिन के निश्छल प्रेम की अमर गाथा
गढ़वाल में चैत के महीने गायी जाने वाली चैती गाथाओं में सदेई का विशिष्ट स्थान है. सदेई की गाथा में दाम्पत्य-प्रेम या परकीया प्रेम का कोई प्रसंग नहीं है. ये गाथा पूरी तरह सहोदर भाई-बहिन के पवि... Read more