तिलाड़ी काण्ड की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले जन आन्दोलनों का एक विस्तृत अध्ययन
1803 में गोरखाओं से पराजित होकर राज्य खो देने प्रद्युमन शाह की मृत्यु के बाद 1815 में अंग्रेजों की मदद से राजा सुदर्शन शाह ने गोरखा पर विजयी पाई. लेकिन राज्य का एक बड़ा हिस्सा जो अलकनंदा/गंग... Read more
धारचूला के तेनसिंह को सलाम जिसने भांडमजुवा बनने की बजाय खुद्दारी से जिया अपना जीवन
आज किसी भाई ने अपने फेसबुक पोस्ट में ‘भांडमजुवा’ शब्द का प्रयोग किया है. वही भांडमजुवे जो अपने गांवों से भागकर शहर-कस्बों में जाकर वहां के होटल-ढाबों में बर्तन मांजने का काम करते... Read more
काफल के समय काफल के नोस्टाल्जिया पर अक्सर बात होती ही है लेकिन इसी को सकारात्मक तरीके से देखें तो यह वह समय होता है जब बचपन की अनेक यादें दृश्य के रूप में अचानक धड़धड़ाते हुए आ जाती हैं. शायद... Read more
पहाड़ में हर आम-ओ-ख़ास के कवि हैं शेरदा
शेरदा अनपढ़, उत्तराखण्ड के एक ऐसे कवि जिसे काव्यकर्म के लिए किसी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत न थी. फिर भी समाज और परिवेश को पढ़ने में वो नम्बर वन थे. लोग उनकी पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाएँ इससे पहले ही... Read more
जो दिन अपैट बतूँछी, वी मैं हूँ पैट हौ.जकैं मैं सौरास बतूँछी, वी म्यर मैत हौमायाक मारगाँठ आज, आफी आफी खुजि पड़ौ.दुनियल तराण लगै दे, फिरि ले हाथ है मुचि पड़ौ.जनूँ कैं मैंल एकबट्या, उनूँल मैं न... Read more
अल्मोड़ा में कठपुड़िया प्राइमरी पाठशाला के रतन मासाब जिनका तबादला गाँव वाले हमेशा रुकवा देते थे
मैं उन दिनों प्राइमरी पाठशाला कठपुड़िया में पड़ता था. स्कूल गया तो सीधे कक्षा दो में बैठ गया क्योंकि घनदा कक्षा दो में पड़ता था, हमउम्र था और कक्षा की समझ भी नहीं थी. इसलिये साथ बैठने की... Read more
मुक्तेश्वर में मनोज बाजपेयी से एक्सक्लूसिव बातचीत
अपने शानदार और मौलिक अभिनय से हिंदी सिनेमा में अपना लोहा मनवाने वाले मनोज बाजपेयी इन दिनों कुमाऊं के मुक्तेश्वर में ठहरे हैं. लॉकडाउन के कारण शूटिंग रद्द होने के कारण मनोज बाजपेयी अपने परिवा... Read more
कोरोना महामारी के दौर में भी उत्तराखण्ड के सवर्णों पर जातिवादी दंभ का नशा सर चढ़कर बोल रहा है. ताजा मामले में ओखलकांडा क्षेत्र में क्वारंटाइन किये गए 2 सवर्णों ने अनुसूचित जाति की भोजन माता... Read more
19वीं सदी का महान घुमक्कड़-अन्वेषक-सर्वेक्षक पण्डित नैन सिंह रावत (सन् 1830-1895) आज भी ‘‘सैकड़ों पहाड़ी, पठारी तथा रेगिस्तानी स्थानों, दर्रों, झीलों, नदियों, मठों के आसपास खड़ा मिलता है. लन... Read more
उत्तराखंड राज्य आन्दोलन के समय हम स्कूल में थे. आन्दोलन से जुड़ी एक ठोस याद एक ख़बर है – पिथौरागढ़ के एक छात्रनेता ने जिलाधिकारी ऑफिस के बाहर आत्मदाह कर लिया. करीब-करीब दस-पन्द्रह दिन तक इस... Read more