स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भूलती सरकारें : बागेश्वर से 98 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम सिंह चौहान की बात
आजादी के बाद से ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान और शौर्य के नाम पर सरकारें हर साल 15 अगस्त को खूब वायदे करते आ रहे हैं लेकिन अब सरकारें उनकी बातें सुनना तो दूर उनकी सुध भी लेने में... Read more
कल है पहाड़ियों का लोकपर्व घ्यूं त्यार
कुमाऊं में भादों मास की संक्रांति घ्यूँ त्यार मनाया जाता है. इसे ‘ओलकिया’ या ‘ओलगी’ संक्रान्त भी कहते हैं. इस दिन घी खाने की परंपरा रही. इस कारण इसे घ्यूँ त्यार या घी... Read more
देहरादून की पलटन बाज़ार का इतिहास
1803 ईसवी के अक्टूबर महिने में गोरखाओं ने देहरादून को अपने कब्जे में ले लिया था. राजा प्रद्युमन शाह ने मैदानी भाग में जाकर शरण ली. लंडोरा के गुर्जर राजा राम दयाल के साथ प्रद्युमन शाह के अच्छ... Read more
सलाम त्रेपनदा! हरदम दिलों में रहोगे जिंदा
21 सितंबर 2014 को रविवार का वो दिन मेरे सांथ ही नागरिक मंच के सांथियों के लिए काफी चहल-पहल भरा था. साल में सितंबर के बाद महिने में किसी रविवार को मंच, अपने-अपने क्षेत्र में समाज के लिए निस्व... Read more
जनाज़े पर मिरे लिख देना यारो मुहब्बत करने वाला जा रहा है : राहत इंदौरी साहब को श्रद्धांजलि
यह सुनकर एकबारगी यकीन नहीं हुआ कि मोहब्बत के शायर राहत इन्दौरी दुनिया से रुख़सत हो गये. तकरीबन आधी सदी तक दिलों पर राज़ करने वाले अत्यंत मुखर, प्रेमी और अभिभावक की भूमिका में प्राय: आगाह करन... Read more
कमाल के हैं अपने भिनज्यू
आम कुमाऊॅनी परिवारों में जीजा जी यानी भिनज्यू एक विशिष्ट छवि लिए रहते हैं. यहाँ फूफाजी भी उन्हीं का एक अवतार हैं. उनकी यह खास छवि बरसों-बरस से चले आ रहे पारस्परिक व्यवहार से बनी है. जैसे संस... Read more
कालू चूड़ी वाला : हल्द्वानी और आस-पास के गाँवों की बेटी-ब्यारियों की चलती-फिरती ज्वैलरी शॉप
वह समय आज की तरह हवा में जहर घोल देने वाला नहीं था. तभी तो आज से चार-पांच दशक पहले कालू चूड़ी वाला हल्द्वानी से लगे आस पास के दर्जनों गाँवों की सैकड़ों /हजारों बेटी-ब्यारियों का चलता फिरता ब्... Read more
कर्म ही पूजा है, दीवारों की शोभा बढ़ाती ये सूक्ति कई जगह देखी पर जब ज़मीन पर देखी तो वो सब भूल गया. मुनाफा यूं तो हर तिज़ारती बंदे के जेहन में होता है पर कुछ के लिए कस्टमर वास्तव में भगवान क... Read more
अल्मोड़ा के एक गाँव से बालीवुड की बुलंदियां तय करने वाले निर्मल पांडे के पांच यादगार किरदार
अल्मोड़ा के छोटे से गांव में पान बड़ैती में निर्मल पांडे का जन्म हुआ था निर्मल पांडे का. निर्मल पांडे जिनको बॉलीवुड आज भी नैनीताल का निर्मल नाम से बड़ी शिद्दत से याद करता है. अपनी अदाका... Read more
सुल्ताना डाकू का किला और खूनीबड़ गाँव की कहानी
बीसवीं सदी के पूर्वाद्ध में नजीबाबाद-कोटद्वार क्षेत्र में सुल्ताना डाकू का खौफ था. कोटद्वार से लेकर बिजनौर यूपी और कुमाऊं तक उसका राज चलता था. बताया जाता है कि सुल्ताना डाकू लूटने से पहले अप... Read more