यह तस्वीर रामगंगा की है. तस्वीर 1892 में अपनी भारत यात्रा के दौरान जर्मन फोटोग्राफर कर्ट बोएक ने ली है. इस तस्वीर को उन्होंने अपनी किताब में शामिल किया जो 1894 में प्रकाशित हुई. जर्मन भाषा म... Read more
सिलबट्टे (सिल-लौढ़) का उत्तरांचली रसोई में एक विशेष महत्व रहा है. शगुन के एकाकी कार्य हो या रोजमर्रा की जिंदगी में रसोई चलाने के, सिलबट्टा हमारे पुरखों का जूसर, मिक्सर व ग्राईन्डर (थ्री-इन-व... Read more
ऐतिहासिक संदर्भ कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में मुख्य रूप से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रानीखेत और नैनीताल में ताज़िया बनाने की बहुत पुरानी परम्परा है. गमी का यह पर्व हिन्दू-मुस्लिम एकता और आपसी सह... Read more
हमें कभी माफ़ न करना दद्दा ध्यानचंद!
ध्यान चंद की आत्मकथा की प्रस्तावना लिखते हुए मेजर जनरल ए.ए. रुद्रा ने उन्नीस साल के ध्यान चंद को इस तरह याद किया है – “मैं ध्यान चंद को 1924 से जानता हूँ और उस मैच में मौजूद था जब उसे... Read more
अल्मोड़े में नंदा देवी मेले की एक्सक्लूसिव तस्वीरें
कोरोना के बीच अल्मोड़ा में आज नंदा देवी का डोला निकाला गया और लोगों की आस्था और विश्वास के बीच सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. नन्दादेवी का मेला भाद्रमास की पंचमी में शुरु होता है.(Photos of Nandade... Read more
लैंसडाउन का घोड़े पर घूमने वाला सरकटा अंग्रेज भूत
लैंसडाउन गढ़वाल राइफल्स से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जगह है. भारत के सबसे जाबाज जवानों के मुख्यालय के जवानों की जितनी शौर्यगाथा लोकप्रिय हैं उतने ही लोकप्रिय है लैंसडाउन से जुड़े भूतों के किस्से. लैं... Read more
पवन पहाड़ी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
दादि, दादि, दादि मि छूं पवन पहाड़ी… ठेठ पहाड़ी लटेक में कही गयी ये वो पंक्ति है जो शायद ही किसी कुमाऊनी परिवार में न सुनी गयी हो. पिथौरागढ़ जिले में एक छोटा सा गांव है कफलेत. गांव जाने... Read more
शिखरों के स्वर : ‘स्त्रीधन’ गौरा मैसर तीज
लॉ की पढ़ाई करते वक़्त हिन्दू लॉ की किताब में शादी के शीर्षक में एक शब्द पढ़ा था “स्त्रीधन” यानी विवाह के वक़्त जो उपहार (जेवर,चल अचल संपत्ति,और भी तमाम उपहार) नवेली वधु को दिया... Read more
देव भूमि अल्मोड़ा जहां अष्ट भैरव और नव दुर्गाओं का वास है, इन्हीं नव दुर्गाओं में से एक नन्दादेवी भी है. नन्दादेवी जो सम्पूर्ण पर्वतीय प्रदेश में परम पूज्य देवी है, को वर्तमान स्थल में सन् 1... Read more
अल्मोड़े के नंदादेवी मेले का इतिहास
प्रतिवर्ष अल्मोड़ा जनपद के मुख्यालय तथा गरूड़ (बैजनाथ) में स्थित कोट नामक स्थान में भाद्र शुक्ल पक्ष अष्टमी को मनाये जाने वाला नन्दाष्टमी का मेला एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक मेला है. इस मेले का... Read more