पवन पहाड़ी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
दादि, दादि, दादि मि छूं पवन पहाड़ी… ठेठ पहाड़ी लटेक में कही गयी ये वो पंक्ति है जो शायद ही किसी कुमाऊनी परिवार में न सुनी गयी हो. पिथौरागढ़ जिले में एक छोटा सा गांव है कफलेत. गांव जाने... Read more
शिखरों के स्वर : ‘स्त्रीधन’ गौरा मैसर तीज
लॉ की पढ़ाई करते वक़्त हिन्दू लॉ की किताब में शादी के शीर्षक में एक शब्द पढ़ा था “स्त्रीधन” यानी विवाह के वक़्त जो उपहार (जेवर,चल अचल संपत्ति,और भी तमाम उपहार) नवेली वधु को दिया... Read more
देव भूमि अल्मोड़ा जहां अष्ट भैरव और नव दुर्गाओं का वास है, इन्हीं नव दुर्गाओं में से एक नन्दादेवी भी है. नन्दादेवी जो सम्पूर्ण पर्वतीय प्रदेश में परम पूज्य देवी है, को वर्तमान स्थल में सन् 1... Read more
अल्मोड़े के नंदादेवी मेले का इतिहास
प्रतिवर्ष अल्मोड़ा जनपद के मुख्यालय तथा गरूड़ (बैजनाथ) में स्थित कोट नामक स्थान में भाद्र शुक्ल पक्ष अष्टमी को मनाये जाने वाला नन्दाष्टमी का मेला एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक मेला है. इस मेले का... Read more
जैसे कल की ही बात हो. गोपेश्वर के भूगोल के बिम्बों से प्रेमिका का नख-शिख वर्णन करता एक लम्बी दाढ़ी वाला हँसमुख कवि ध्यान आकर्षित करता है. यहीं हेड पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं, बहुत अच्छे चित्... Read more
उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ों में जाकर मदद करने वाले मेडिकल के छात्रों से मिलिये
पहाड़ में यात्राओं के दौरान जब आप लौटने को होते हैं तो अक्सर बड़े बुजुर्ग और जवान आपसे एक बात कहते नजर आते हैं कि कोई गोली है दर्द की. आप नहीं जानते हैं उन्हें कौन सी बीमारी है फिर भी जिस ला... Read more
‘हरी भरी उम्मीद’ की समीक्षा : प्रभात उप्रेती
सारे भारत में जनजातीय इलाकों में जो कौम बसती थी उनको रोजी-रोटी जिंदगी, जंगलों से चलती है. उनका उन पर परम्परागत हक था. बैंकर बनिये अंग्रेज आये, मुनाफे के लिए जंगल कटाये. जब जंगल कम होने लगे त... Read more
अल्मोड़ा में ग्रीष्म की पीली उदास धुधलाई सन्ध्या की इस वेला में, मैं एकाकी बैठा कसार देवी के शिखर पर और देख रहा हूं सुदुर हिमाच्छादित नन्दादेवी के शिखर को ! थके मादे सूरज को अस्तमुखी कि रणे... Read more
गौरा-महेश्वर की गाथा में गौरा
कुमाऊँ की प्रचलित गौरा-महेश्वर की गाथा में शिव-पार्वती के विवाह में पड़ने वाली बाधाओं से सम्बन्धित आख्यान तथा जनश्रुतियां मिलती हैं. इसमें भारतीय संस्कृति के वैवाहिक आदर्श का चित्रण है. (Gau... Read more
पहाड़ों में सातों-आठों की बहार आ गयी है
भादों की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कुमाऊं और नेपाल में हर्षोल्लास और श्रृद्धा भक्ति से भरा प्रकृति को समर्पित, उसकी पूजा का त्यौहार मनाया जाता है सातूं आठूं. शिव पार्वती तो हिमालय में ही वास क... Read more