पिछली एक सदी में यह पहली बार होगा जब ऐतिहासिक जौलजीबी के मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा. 1962 के भारत तिब्बत युद्ध से पहले जौलजीबी का मेला भारत के सबसे बड़े व्यापारिक मेलों में शुमार था. काल... Read more
नकुलेश्वर मंदिर पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडव भाइयों में नकुल द्वारा किया गया था इसीकारण इसे नकुलेश्वर कहा जाता है. सड़क से कुछ किमी की दूरी पर स्थित... Read more
पहाड़ के खोईक भिड़ महज घरों के आगे की निर्जीव दीवार भर नहीं हुआ करती बल्कि यहां के पारिवारिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संबंधों की पहचान तथा चेतना के केन्द्र थे. पहाड़ों की भौगोलिक संरचना जिस तरह... Read more
दिवाली के बताशों में मिठास भरते हैं वनभूलपुरा के रियाज़ हुसैन उर्फ लल्ला मियां
दीपावली की पहचान खील-खिलौने और बताशों से ही है जनाब. उम्र के सौ वर्ष पूरे चुके हल्द्वानी वनभूलपुरा निवासी रियाज़ हुसैन उर्फ लल्ला मियां अपने कमरे के एकांत में बैठे हुए इतना ही कह पाए और फिर... Read more
पहाड़ की सड़कों पर अभी गाड़ियों की कमी थी. रोडवेज और केमू की बसें ही लोगों की यात्रा का सहारा था. छोटी गाड़ियां अभी नहीं के बराबर चलती थी. ये 1990 का साल था. इस साल की 18 अक्टूबर के दिन कुमा... Read more
माल्टा सुनकर देश और दुनिया के लोगों के दिमाग में भले यूरोप का सबसे छोटा देश आता हो पर एक ठेठ पहाड़ी के सामने उभरती है एक रसदार नारंगी फल की तस्वीर. माल्टा सुनते ही उसके मुंह के भीतर अलग-अलग... Read more
मुंबई के प्रसिद्ध बांद्रा-वर्ली सी लिंक से गुजरते हुए जो पहला खयाल दिमाग में आया था वो ये कि जब अरब सागर पर ऐसा पुल बन सकता है तो टिहरी झील के आर-पार ऐसा ही पुल बनाने में क्या कठिनाई हो सकती... Read more
पहाड़ में पेड़-पौंध और खेती-पाती का लोक नामकरण
पहाड़ में पेड़ पौंधों के प्रति आदर का भाव रहा है इसीलिए उन्हें वनदेवता-वनदेवी के रूप में धार्मिक आधार मिला. वृक्ष एवं वनों को सक्रिय तत्व के रूप में सम्मान दिया गया. इनसे प्राप्त कच्चा माल द... Read more
भवाली की लल्ली क़ब्र का रहस्य और पुरानी यादें
भारत रत्न पं. गोबिन्द बल्लभ पन्त की कर्मभूमि एवं उनके सुपुत्र स्व. कृष्ण चन्द्र पन्त की जन्मस्थली का गौरव हासिल करने से परोक्ष रूप से भवाली को पहचान तो अवश्य मिली लेकिन मुझे यह कहने में तनिक... Read more
मुनस्यारी से शरद ऋतु का पहला चांद: फोटो निबन्ध
सदियों से चांद के प्रति इंसान का आकर्षण तीव्र रहा. जिस भी जगह मानव सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं वहां चांद के प्रति इंसानी आकर्षण मौजूद है. कोई समाज ऐसा न होगा जिसमें चांद को लेकर कथा और गीत न... Read more