एक पहाड़ी बच्चे के पहली बार बाराती बनने का किस्सा
बचपन में हम लोग गांव के अलावा और कहीं शायद ही कभी जाते. हमारी दुनिया गांव तक सिमटी हुई थी. वहीं गांव, घर, खेत खलिहान और लोग. इसके बाहर हम नहीं जानते थे. पांच साल की उम्र तक मैं अपने गांव और... Read more
आज से शुरु होगी कुमाऊं में बैठकी होली
यह भी सुनने में अजीब है कि आज से शाम से कुमाऊं में बैठकी होली शुरु हो जायेगी. अभी जब होली को करीब करीब तीन महीने बाक़ी हैं हमारे कुमाऊं में पूस के पहले रविवार से ही बैठकी होली शुरु हो जानी ह... Read more
हल्द्वानी नगर का इतिहास
उत्तराखण्ड के कुमाऊं मण्डल का प्रवेश द्वार हल्द्वानी तब तक एक गांव ही था जब तक इसे व्यापारिक मंडी के रूप में बसाने की शुरुआत नहीं हुई थी. चंद शासनकाल में इसे गांव का ही दर्जा हासिल था. तब इस... Read more
माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड के मध्यकालीन इतिहास के वीर योद्धा हैं. माधो सिंह भण्डारी के शौर्य व पराक्रम के किस्से आज भी कहे-सुने जाते हैं. माधो सिंह भण्डारी का जन्म सत्रहवीं शताब्दी के अंत... Read more
चौकोड़ी से केमू की बस पकड़ने की पुरानी याद
दादा के घर से चौकोड़ी, गोल टोपी सी दिखती है. लगता है जैसे प्रकृति ने चोटी को ठंड से बचाने के लिए टोपी पहना दी हो. चढ़ाई पार करते हुए फूँ-फाँ होने लगी तो उन्होंने बताया कि पार वो जो गाड़ी आते... Read more
उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल का प्रमुख पहाड़ी जिला है अल्मोड़ा. यह ऐतिहासिक शहर कभी कुमाऊं डिवीजन का मुख्यालय हुआ करता था. कहा जाता है कि इसका नाम अल्मोड़ा घास (रुमेक्स हेस्टाटा) के नाम पर पड़ा... Read more
बूड़ी देवी को चढ़ाई जाती है पत्थरों की भेंट
उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को बाहरी आक्रमणकारियों के अलावा ठकुराइयों द्वारा एक दूसरे की गढ़ियों को हड़पने के लिए की जाने वाली लडाइयों का भी सामना करना पड़ता था. इन आक्रमणों का सा... Read more
उत्तराखंड के आदि निवासी कौन हैं
उत्तराखंड के आदि निवासी कौन हैं सदियों से बहस का मुद्दा रहा है. सवाल का उत्तर जो भी हो पर इस बात पर दोराय नहीं है कि वर्तमान में उत्तराखंड में रहने वाली अधिकांश जातियां बाहरी हैं. यहां रहने... Read more
अपनी-अपनी बोली के हिसाब से कोई उन्हें एजेंटी बूबू कहता है तो कोई अजेंडी बूबू. बूढ़े सफ़ेद कपड़े और सफ़ेद पगड़ी पहने लम्बी दाड़ी वाले एजेंडी बूबू अपने हाथ में अपने से लम्बी एक लाठी लेकर चलते... Read more
सदियों पहले श्यामखेत का पूरा भूभाग एक झील था
भवाली, कुमाऊॅ की यात्रा के लिए एक मुख्य जंक्शन होने के साथ ही रामगढ़, मुक्तेश्वर, तितोली, हरतफा, निगलाट जैसी फल पट्यिों के करीब होने से फलों के खरीद केन्द्र के रूप में भी अपनी पहचान रखता है.... Read more