2 सप्ताह से सूखीढांग इंटर कॉलेज के भोजनमाता प्रकरण में आखिरकार शासन द्वारा दलित भोजन माता सुनीता देवी की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी. सूखीढांग इंटर कॉलेज में सीईओ आरसी पुरोहित की अ... Read more
मैं अपनी वार्षिक परीक्षाएं पास करके घर में अपने ग्रीष्म अवकाश का आनंद ले रहा था. आखिर आनंद लिया भी क्यों ना जाए, पूरे वर्ष की माथा पच्ची के बाद किताबों और भारी-भरकम बस्ते से छुटकारा जो मिला.... Read more
पहाड़ चढ़ना जितना मुश्किल होता है, उस पर जिन्दगी बसर करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता. जीवन की मूलभूत सुविधाओं की दुश्वारियों के दंश उन्हीं पाषाणों में पुष्प खिलाने के गुर भी उन्हें सिखात... Read more
सीजन की पहली बर्फबारी के बाद मुनस्यारी
अपनी खूबसूरती और आबोहवा के चलते ही मुनस्यारी को ‘सार संसार एक मुनस्यार’ की उपमा भी दी जाती है. सार संसार एक मुनस्यार का मतलब है – सारे संसार की खूबसूरती एक तरफ और मुनस्यारी की खूबसूरती... Read more
देश में कोरोना के नए रूप ओमीक्रोन के बढ़ते आंकड़ों ने फिर से सभी के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. इस नए स्वरूप के खतरे को रोकने के लिए केंद्र से लेकर सभी राज्य सरकारों ने एहतियाती कदम... Read more
पहाड़ों में पलायन का मनोवैज्ञानिक पहलू
पहाड़ों के दर्द की एक पुरानी कहावत है “पहाड़ों की जवानी, मिट्टी औऱ पानी कभी पहाड़ों के काम नहीं आती”. आज भी उत्तराखंड की यही दशा औऱ दिशा बरकरार है. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों... Read more
पक्की सड़क से जुड़ चुका गांव अब गांव सा नहीं रहा
अब गांव, गांव सा नहीं रहा, गांव पक्की सड़क से जुड़ चुका है अंग्रेजी स्कूल खुल चुके हैं अब बच्चे नमस्कार प्रणाम भूल कर गुड मॉर्निंग कहने लगे हैं. खाना (ब्रेकफ़ास्ट -लंच-डिनर) में बदल चुका है.... Read more
छलिया नृत्य और उत्तराखंड एक दूसरे के पूरक बन चुके हैं. छलिया नृत्य जिसे हिन्दी में छोलिया नृत्य कहा जाता है उत्तराखंड का पारम्परिक नृत्य है. दो एक दशक पूर्व उत्तराखंड के समाज में होने वाली श... Read more
विपरीत परिस्थितियों में भी उत्तराखण्ड की कई महिलाओं ने राष्ट्रीय पटल पर सशक्त हस्ताक्षर किये हैं. इनमें से एक हैं चंद्रप्रभा ऐतवाल. चंद्रप्रभा 24 दिसंबर 1941 को उत्तराखण्ड के सीमान्त जिले के... Read more
आज पहाड़ के गांधी का जन्मदिन है
इन्द्रमणि बडोनी का जन्म टिहरी गढ़वाल जिले के अखोड़ी गांव (घनसाली) में 24 दिसम्बर 1924 को हुआ था. उनके पिताजी का नाम सुरेशानंद बडोनी और माँ का नाम कालू देवी था. यह एक बहुत ही गरीब परिवार था.... Read more