हल्द्वानी की सब्जी मंडी का इतिहास
आज उत्तराखण्ड की प्रमुख मण्डी के रूप में हल्द्वानी स्थापित है. पूर्व में यहां मण्डी का कारोबार मंगल पड़ाव, मीरा मार्ग (पियर्सनगंज), रेलवे बाजार, महावीर गंज में था. महावीरगंज को रहीम गंज कहा... Read more
एक शांत मौसम के समय आसमान से सफ़ेद रुई के फाहे गिरते देखना हर किसी की नसीब में नहीं. प्रकृति के इस सबसे खुबसुरत मौके को देख पाना सोशियल मीडिया ने आसान तो कर दिया है पर इसे महसूस करने के लिये... Read more
कुमाऊनी में सरस्वती वंदना
साल 2018 में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें किसी पहाड़ी गवेर्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज की लड़कियां स्कूल की सभा में एक प्रार्थना गा रही थी. कुमाऊनी बोल वाला यह गीत कुमाऊनी में सरस्वती वंदना थी जिसे... Read more
हिमपात का इंतजार आमजन मानस के साथ ही पशुओं, पक्षियों के जीवन के वार्षिक प्रवास का हिस्सा भी है. इंसानों की तरह जानवरों को भी हिमपात का बेसब्री से इंतजार रहता है. आजकल पशुओं में सबसे ज्यादा ख... Read more
पहाड़ों में बसंत पंचमी से जुड़ी परम्परायें
बंसत पंचमी का दिन उत्तराखंड में सबसे पवित्र दिनों में एक माना जाता है. स्थानीय भाषा में इसे सिर पंचमी भी कहा जाता है. आज के दिन अपनी-अपनी स्थानीय नदियों को गंगा समझ कर स्नान किया जाता है और... Read more
उत्तराखंड की राजनीति में शराब
अभी दो दशक पहले तक की बात है उत्तराखंड के गावों में शराब पीने और बेचने वालों को महिला मंगल दल की महिलायें सिन्ने की झपाक लगाया करती थी. यह भी ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब आम लोगों द्वारा अल्... Read more
आज ‘नशा नहीं रोजगार दो’ आन्दोलन को पूरे 38 साल हो चुके हैं. इस आंदोलन पर नैनीताल समाचार ने 1 सितम्बर, 1984 को “पहाड़ आंदोलित है” शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी. शराब आज उत्तराखं... Read more
आज से कोई 40-45 साल पहले एक रहस्यमय घटना अखबारों की भी सुर्खियां बनी थी कि बेतालघाट के बेताल नकुवा बूबू के बेटे की शादी काकड़ीघाट के बेताल की बेटी से होनी है. तब स्थानीय लोंगो के बीच यह काफी... Read more
भारतवर्ष में सर्वप्रथम सन् 1921 ई० में “जयहिन्द” नारे का उद्घोष करने वाले महान देशभक्त श्री रामसिंह धौनी का जन्म 24 फरवरी सन् 1893 ई० में अल्मोड़ा जिले के तल्ला सालम पट्टी में तल... Read more
अस्पताल की कमी से जूझता उत्तराखण्ड का एक गांव
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 21वीं सदी के डिजिटल इंडिया में ऐसा भी एक गांव है, जहां बीमार मरीज़ के पेट के दर्द को दूर करने के लिए लोहे की गर्म छड़ का इस्तेमाल किया जाता हैं. इसके अतिरिक्त कई... Read more