‘धूर्त सिपाही’ कुमाऊनी लोककथा
आहा तो हुआ जेठ के महीने की चटक धूप लगी हुई थी. सफ़र में निकला एक सिपाही भूखा और प्यासा एक घर में पहुंचा जहां एक महिला दिन का खाना बना रही थी. महिला का आदमी लकड़ी लेने जंगल गया हुआ था. सिपाही... Read more
1935 में जब टिहरी में पहला रेडियो आया
बात 1935 की है, रियासत टिहरी पर महाराजा नरेन्द्रशाह का शासन था. रियासत भर में महाराजा के पास ही एकमात्र रेडियो था. लेकिन इस रेडियो को साधारण नागरिक क्या, राज्य के उच्च अधिकारी भी न देख सकते... Read more
हल्द्वानी के सिनेमाघरों का इतिहास
नगर से महानगर हो चुके हल्द्वानी ने अपने आसपास के गांवों को भी अपने में सम्मिलित कर लिया है. मुखानी क्षेत्र में पर्वतीय रामलीला कुछ दिनों तक आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी जो अब बंद हो चुकी है.... Read more
दलितों की बारात पहाड़ में पहले बिना डोला-पालकी की चलती थी और दूर से ही पहचानी जाती थी. किन्तु टिहरी-गढ़वाल जिले की ग्यारह गाँव पट्टी में ढुंग गाँव के दीपचन्द शाह ने अपनी शादी में डोला-पालकी... Read more
संभावना वर्सेस अपार संभावना
आपने ग़ौर किया होगा मुल्क में समय-समय पर कुछ चीज़ों की संभावना और किन्ही अन्य की अपार संभावना जताई जाती है. आइए हम भी संभावना और अपार संभावना के बीच अंतर को समझने का प्रयास करें. ऐंवैं ही…(A... Read more
कुछ लोगों का मानना है कि पिछले कुछ समय से पहाड़ के सरकारी स्कूलों में गढ़वाली और कुमाऊनी बोली सिखाने का ढकोसला चलाया जा रहा है. सोशियल मीडिया में लोग ऐसे लोगों की जमकर तारीफ़ भी करते हैं जो... Read more
इस बार वह अकेला ही वोट देने आएगा
अगर 1200 वोटर पर एक बूथ वाला नियम नहीं होता तो उस बूथ पर वह अकेला वोटर होता. सरकार तो कुछ नहीं कर पायी चुनाव आयोग ने आज पहली बार इस अकेले वोटर के लिए कुछ किया है. बड़ी मुश्किल से पहाड़ पर 12... Read more
आयरीन रूथ पंत का जन्म 13 फ़रवरी 1905 को सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में डेनियल पंत के घर में हुआ. आयरीन पंत एक ऐसे कुमाऊनी ब्राह्मण परिवार से थीं जिसने धर्मान्तरण कर ईसाई धर्म स्वीकार लिया था.... Read more
बर्फबारी के मौसम में आंचरियों के टोले
पहाड़ों में भूत मसाण का खूब डर हुआ फिर परी, आचंरी, डेणी लगे ही रहने वाले हुये. बड़ों के लिये इस सब पर विश्वास, अंधविश्वास, परम्परा, मान्यता जैसी बहसों की अनेक गहरी लम्बी राहें खुली हुई हैं प... Read more
बचपन में मिले अभावों की एक खूबी है कि वे बच्चे को जीवन की हकीकत से मुलाकात कराने में संकोच या देरी नहीं करते. घनघोर आर्थिक अभावों में बीता बचपन जिंदगी-भर हर समय जीवनीय जिम्मेदारी का अहसास दि... Read more