कुमाऊनी भाषा की पहली पत्रिका ‘अचल’
1937 में साल के अंत-अंत तक कुमाऊनी में एक पत्रिका का विचार जीवन चन्द्र जोशी के दिमाग में जगह बना चुका था. अपनी बोली में एक पत्रिका निकालने के लिये इस बानगी ‘शक्ति’ और ‘कुमाऊं कुमुद’ अखबारों... Read more
जब तिल्लू बड़बाज्यू भिटौला लेकर आये
भिटौली पर याद आया कि उस साल हम पहाड़ में रहे थे जब तिल्लू बड़बाज्यू भिटौला लेकर आये होंगे. आप भी सोचते होगे कि भिटौला और बड़बाज्यू का भी क्या मेल? भिटौला तो भाई या ददा लेकर आते हैं, बेणीं या... Read more
युगदृष्टा जोहारी ‘बाबू रामसिंह पांगती’
बाबू रामसिंह पांगती जोहार की उन महान विभूतियों में से एक थे जिन्होंने इस क्षेत्र के तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों, अन्धविश्वासों और डगमगाती अर्थव्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाने का बीड़ा... Read more
कूर्मांचली परम्परा में जल का महत्त्व
मानव जीवन में बालक के जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन के विभिन्न संस्कारों में जल का महत्वपूर्ण स्थान है. व्यक्ति जल से आचमन करने पर शुद्ध होता है क्योंकि जल में औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं. धार... Read more
देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला
झंडा मेला 350 वर्ष से भी पुराना ऐतिहासिक मेला है. होली के ठीक चार दिन बाद एक महीने तक चलने वाला झंडा मेला शुरू होता है. इस मेले में सुबह दरबार साहिब के बाहर स्थापित झंडे को उतारकर उसे दूध और... Read more
शहादत दिवस विशेष : भगत सिंह आज़ादी के नायक हैं
भगत सिंह (28 सितम्बर 1907 से 23 मार्च 1931) मूर्तियाँ नायक नहीं गढ़तीं, नायकत्व बुतों का मोहताज नहीं होता. भगत सिंह इस बात के सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं. आप एक हैट के नीचे कुछ अनगढ़ रेखाओं से रो... Read more
रंग-भरी एकादशी के साथ असल पहाड़ियों की होली शुरू
पहाड़ों में असल होली की शुरुआत एकादशी से ही होती है. दशमी और एकादशी के जोड़ के दिन गांव-गांव में चीर बांधने की परम्परा है. पहाड़ों में पैय्या की एक टहनी पर रंग-बिरंगे कपड़े बांधे जाते हैं इस... Read more
कल है फूलदेई
प्रकृति की गोद में पलने और बढ़ने वाले पहाड़ियों का पर्व फूलदेई है कल. पहाड़ियों का जीवन में प्रकृति का हर रंग मौजूद रहता है दुनिया इसे पहाड़ियों की लोक संस्कृति कहती है. पहाड़ियों का लोक और... Read more
गांव जाता था तो मुझे मां जैसी ही ताई, चाची, दीदी, बुआएं भी लगती थीं. मैं हैरान होता था कि आख़िर ये कौन सी चीज़ है जो इन लोगों को एक दूसरे में विलीन कर रही है. फिर मुझे यह दिखा- दुनिया का उजा... Read more
दुनिया की सबसे प्रभावशाली चीज : कुमाऊनी लोककथा
किसी समय एक राजा हुआ करता था. राजा ने अपनी राजधानी के चारों दरवाजों पर गुप्तचर तैनात किये थे. वहां होने वाली हर बात को गुप्तचर लिखकर रखते और महीने के आखिर में राजा को दे आते. एक बार एक दरवाज... Read more