अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में
उत्तराखण्ड में इन दिनों एक गीत ने धूम मचा रखी है. इस गीत के प्रति दीवानगी न सिर्फ़ हिमाचल तक दिखायी दे रही है बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में भी कम नहीं है. अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में, बोल व... Read more
बोली ही तो हमारी पहचान है
कभी-कभी, जब, में पेट की भाषाओं के दबाव तले दम तोड़ती भाषाओं के बारे में चिन्तन करता हूँ तो मुझे घुटन सी होने लगती है. मुझे लगता है कि जिस प्रकार हम अपनी बोलियों की उपेक्षा कर रहे हैं, हमारी... Read more
चम्पावत के डाक बंगले का अनजाना रहस्य
अपनी किताब मैन-ईटर्स ऑफ़ कुमाऊँ की पहली कहानी में चम्पावत के डाक बंगले में गुजारी अपनी पहली रात के बारे में जिम कार्बेट ने लिखा है कि उस डाक बंगले के बारे में बताने को मेरे पास कहानियों की झ... Read more
जिम कार्बेट और जिला चम्पावत
जब कभी चम्पावत के इतिहास की बात होती है तो उसमें जिम कार्बेट का नाम जुड़ ही जाता है. कार्बेट का नाम चम्पावत के इतिहास में बड़े आदर के साथ लिया जाता है. कुमाऊँ में जन्में एवं पले-बढे कार्बेट... Read more
कुमाऊं शब्द का पुराणों से अभिलेखों तक उल्लेख
जिस स्थान को वर्तमान में कुमाऊं कहा जाता है मध्य हिमालय के इस भाग के लिए पौराणिक ग्रन्थों में कूर्मांचल नाम का प्रयोग किया गया है. कुमाऊँ शब्द की उत्पत्ति के बारे में सबसे मान्य तथ्य है कि च... Read more
जब आई थी काठगोदाम में पहली रेल
न तराई-भाबर में रहने वाले इंसानों को अंदाजा था न यहां के घनघोर बियावान में रहने वाले जानवरों को कि पिछले कुछ सालों से जंगल में हो रही खटर-पटर का नतीजा क्या होना है. फिर आया 24 अप्रैल 1884 का... Read more
चन्द्र सिंह गढ़वाली के गांव से गुजरते हुए
चौंरीखाल से चलें तो तकरीबन 5 किमी. आगे पैठाणी से आने वाली सड़क हमारी सड़क से जुड़ गयी है. ललित बताते हैं कि पैठाणी वाली सड़क भी बिट्रिश कालीन ऐतिहासिक मार्ग पौड़ी-रामनगर का ही हिस्सा है. कैन... Read more
बचपन में क्रिकेट की यादें
बात तब की है जब हम हाईस्कूल पास कर चुके थे. हमारे कुछ सीनियर मित्र भी थे जो इण्टर में पढते थे और कुछ आईटीआई कर रहे थे. हम लोग शाम को भाटीगांव के मैदान और नौलिंग मैदान में क्रिकेट खेलते थे. उ... Read more
प्रकृति उत्तराखंड के लोकपर्वों का अभिन्न हिस्सा है. उत्तराखंड के हर छोटे-बड़े त्यौहार में प्रकृति किसी न किसी रूप में आराध्य का स्थान रखती ही है. हरेला, फुलदेई, बसंत पंचमी, आठों जैसे अनेक पर... Read more
उत्तराखण्ड की अनूठी विवाह परम्पराएँ
बहुप्रचलित पूर्णतः वैदिक अनुष्ठान, संस्कार तथा स्थानीय रीति-रिवाज के साथ किये जाने वाले अंचल विवाह परम्परा के अलावा भी उत्तराखण्ड की विशेष विवाह परम्पराएँ हुआ करती थीं. इस तरह के विवाह विशेष... Read more