भारत छोड़ो आंदोलन और कुमाऊं के वीर
9 अगस्त 1942 को सूरज की पहली किरण से पहले ही आपरेशन ‘जीरो आवर’ के तहत देश भर में कांग्रेस के सभी बड़े नेता गिरफ्तार किये जा चुके थे. अंग्रेजों की अचानक हुई इस कार्रवाई के कारण पू... Read more
कल्पना की छलांग भर नहीं हैं आविष्कार
विक्रम सोनी जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में सेंटर फॉर थेओरेटिकल फिजिक्स से जुड़े हैं; रोमिला थापर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में प्राचीन इतिहास की मानद प्र... Read more
भारत सरकार ने 1994 में उनकी फोटू वाला एक डाक टिकट जारी किया और नामकरण किये जाने से छूट गईं एकाध सड़कों के नाम उनके नाम पर रख दिए. उत्तराखंड बनने के बाद जब राज्य सरकार को अपने स्थानीय नायकों... Read more
इतिहास को क्यों पढ़ा जाये?
उत्तराखंड का इतिहास – भाग 1 -गिरीश लोहनी इतिहास को पढ़ने से पूर्व दो महत्त्वपूर्ण सवाल यह आते हैं कि इतिहास क्या है और इतिहास को पढ़ा क्यों जाये? इतिहास प्रत्येक पल में घटी महत्त्वपूर्... Read more
गढ़वाली लोक संस्कृति का अलमबरदार बेडा समुदाय
भारतीय शास्त्रों में भगवान शिव और गन्धर्वों को सृष्टि के आदि संगीत का जनक माना गया है. उत्तराखंड के गढ़वाल अंचल में रहने वाले बादी अथवा बेडा समुदाय की पहचान मूलतः गायन व नृत्य करने वाली एक ज... Read more
कुमाऊं की रामलीला से कुछ झलकियां
कुमाऊं की रामलीला बहुत चर्चित रही है. देश को अनेक रंगकर्मी इस रामलीला ने दिए. बी एल शाह, बी एम शाह, मोहन उप्रेती जैसे कलाकारों ने रामलीला की तालीमों में अपनी आरंभिक दीक्षा ली थी. दिल्ली में... Read more
दारमा घाटी के तितियाल बंधुओं की कथा
दो-एक दशक पहले तक मुख्य सड़क धारचूला से तवाघाट तक जाया करती थी. तवाघाट में मिलने वाली धौलीगंगा और कालीगंगा नदियों के किनारे किनारे चल कर क्रमशः दारमा और व्यांस घाटियों तक पैदल जाया जा सकता था... Read more
पहाड़ की कोयल कबूतरी देवी का जाना
बुलन्द आवाज़ और खनकदार गले की मलिका स्वर कोकिला लोक गायिका कबूतरी देवी 7 जुलाई की सुबह दुनिया से विदा हो गईं और फ़िज़ाओं में छोडकर गईं अनगिनत गीत और ढेर सारा सुमधुर संगीत. उनकी लाजवाब गायिकी के... Read more
तिलाड़ी काण्ड के अठ्ठासी बरस
30 मई उत्तराखंड के इतिहास में एक रक्तरंजित तारीख है. इसी दिन 1930 में तत्कालीन टिहरी रियासत के राजा नरेंद्र शाह ने रंवाई के तिलाड़ी के मैदान में अपना लोकल जलियांवाला बाग काण्ड रच डाला था. जंग... Read more
क्यों ज़रूरी है स्कूलों के इस पागलपन से पीछे लौटना
बोस्टन में मनोविज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर पीटर ग्रे ने हाल के वर्षों में आधुनिक शिक्षा पद्धति की बुनियाद को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं. दुनिया भर के शिक्षाविदों ने उनके विचारों का समर्थन किया... Read more