हर शुभ की पहचान गेरू और बिस्वार की जोड़ी गायब है
पहाड़ में कोई भी त्यौहार हो पारम्परिक कुमाऊनी घर गेरू की भिनी सुगंध से सरोबार हो जाया करते. एक समय ऐसा भी था जब दिवाली के समय के समय गेरू और बिस्वार की जोड़ी से सजे घर कुमाऊं की अपनी पहचान ह... Read more
आज पंडित नैनसिंह रावत का जन्मदिन है
तिब्बत का पहला भौगोलिक अन्वेषण करने वाले उन्नीसवीं शताब्दी के महानतम अन्वेषकों में से एक माने जाने वाले मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम गाँव के निवासी पंडित नैनसिंह रावत के बारे में लेख काफल... Read more
पर्वतीय क्षेत्रों में राजस्व पुलिस की व्यवस्था ख़त्म करने को उत्तराखण्ड सरकार तैयार
आखिर उत्तराखण्ड सरकार राज्य में राजस्व पुलिस की व्यवस्था समाप्त करने को राजी हो ही गयी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैबिनेट की बैठक का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि वह उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के 20... Read more
अस्कोट रियासत पर एक महत्वपूर्ण लेख
अस्कोट में कुल क्षेत्रफल प्रति एकड़ चार आना नौ पाई राजस्व निर्धारित है जबकि कृषि भूमि पर यह दर सात आना नौ पाई है. पटवारी बाड़कोट में रहता है. स्कूल देवल में है. अस्कोट में कास्तकारी सारे कुम... Read more
लोककला पर मोहन उप्रेती का एक महत्वपूर्ण लेख
विगत लगभग तीस-चालीस वर्षों से भारत के विद्वजनों का ध्यान लोक-परम्परा की ओर आकर्षित हुआ है, विशेषकर आज के तेजी से बदलते राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक परिवर्तनों के अनुरूप लोक कला को अपनाने की सम... Read more
उत्तराखण्ड में मृतात्माओं से जुड़े लोकविश्वास
उत्तराखण्ड अद्वितीय प्राकृतिक सुन्दरता और अनूठी लोकसंस्कृति से समृद्ध है. यहाँ के समाज में प्रचलित ढेरों किस्से-कहानियाँ मन को आनन्दित तो करते ही हैं, ये अलिखित इतिहास भी हैं. रोमांच से भर द... Read more
विरासत में मिलने वाली लोक कला ‘ऐपण’
उत्तराखंडी लोक कला के विविध आयाम हैं. यहाँ की लोक कला को ऐपण कहा जाता है. यह अल्पना का ही प्रतिरूप है. संपूर्ण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लोक कला को अलग-अलग नामों जैसे बंगाल में अल्पना, उ... Read more
‘‘…. मेरा जीवन संघर्षमय रहा. ऐसा नहीं है कि जीवन-यात्रा की शुरुआत के लिए मुझे किसी चीज की कमी रही हो. लेकिन मार्गदर्शन और संपर्क साधनों की हमेशा कमी रही. इसलिए मुझे स्वयं भटकते हुए इस... Read more
आज शैलेश मटियानी का जन्मदिन है
आज शैलेश मटियानी का जन्मदिन है. यह लेख 1996 में शैलेश मटियानी से हुई बातचीत का एक हिस्सा है जिसमें वह एक बड़ा उपन्यास को लिखने के विषय में बता रहे हैं. उपन्यास का शीर्षक उन्होंने तय कर लिया ह... Read more
एक महान कला साधक की रंगयात्रा का महत्वपूर्ण दस्तावेज है ‘स्मृतियों में मोहन उप्रेती’
पहाड़ी लोक गीतों को अपनी सुरीली धुनों से संवारने वाले मोहन उप्रेती के अनेक गीत और नाट्य प्रस्तुतियां आज भी जन मानस के मध्य जीवन्त बनी हुई हैं. यह मोहन उप्रेती की अलौकिक धुन का ही कमाल था कि... Read more