हंसा मनराल भारत की पहली महिला भारोत्तोलक कोच रही हैं. रोमा देवी, कर्णम मल्लेश्वरी, ज्योत्सना दत्ता छाया अनीता चानू आदि कुछ ऐसे नाम हैं जो हंसा मनराल के प्रशिक्षणार्थी रहे. हंसा मनराल के दिशा... Read more
नन्दवंश से पूर्व उत्तराखण्ड
उत्तराखंड का इतिहास भाग – 5 उत्तर भारत में कांस्ययुगीन सभ्यता के अंत के बाद अनेक छोटे छोटे जनपदों का उदय माना जाता है. इस काल में वर्तमान उत्तराखण्ड क्षेत्र के विषय में कुलिन्द जनपद शब... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 36
1962 में डॉक्टर हेमचंद्र जोशी जाड़ों में नैनीताल से हल्द्वानी रहने आया करते थे और कालाढूंगी रोड स्थित पीतांबर पंत के मकान में टिका करते थे. वे बहुत वृद्ध हो गए थे और उनकी आंखें बहुत कमजोर हो... Read more
तिब्बत का पहला भौगोलिक अन्वेषण करने वाले उन्नीसवीं शताब्दी के महानतम अन्वेषकों में से एक माने जाने वाले मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम गाँव के निवासी पंडित नैनसिंह रावत के बारे में एक लंबा... Read more
सोरघाटी में वर्षा का देवता मोष्टामानू
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 9 किमी के दूरी पर उत्तरी दिशा में मोष्टामानू का मंदिर है. समुद्र तल से इस मंदिर की ऊँचाई 6500 फिट है. चंडाक के दाई ओर स्थित मोष्टामानू का यह पौराणिक मंदिर पिथौरागढ़... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 35
कला को अपने मनोरंजन या आजीविका के साथ जोड़कर चलने वाले कलाकार तो कई मिल जाएंगे लेकिन हर स्थिति में कलाकार बनकर रहने वाले कुछ विरले ही होते हैं. ऐसे ही एक कलाकार हैं चंद्रशेखर कपिल. इस कलाकार... Read more
तिब्बत का पहला भौगोलिक अन्वेषण करने वाले उन्नीसवीं शताब्दी के महानतम अन्वेषकों में से एक माने जाने वाले मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम गाँव के निवासी पंडित नैनसिंह रावत के बारे में एक लंबा... Read more
उत्तराखण्ड के बहाने एक दूरस्थ क्षेत्र में राष्ट्रीय संग्राम के ताने—बाने को समझने का प्रयास
भारतीय स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के अवसर पर सरफरोशी की तमन्ना नाम से एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी. इस महत्वपूर्ण दस्तावेजनुमा पुस्तक में भारत के स्वाधीनता संग्राम में उत्तराखण्ड के योगदान को... Read more
तिब्बत का पहला भौगोलिक अन्वेषण करने वाले उन्नीसवीं शताब्दी के महानतम अन्वेषकों में से एक माने जाने वाले मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम गाँव के निवासी पंडित नैनसिंह रावत के बारे में एक लंबा... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 34
सरदार जगत सिंह के बड़े भाई दिलबर सिंह उनसे 10 साल बड़े थे. पिताजी के व्यवसाय में हाथ बताने के अलावा वह शेरो-शायरी व गीत-गजल के शौकीन भी थे. इनकी खूबियों से हल्द्वानी ही नहीं दूर-दूर के लोग प... Read more