रानीखेत के करगेत से कानपुर तक खिंची एक पुरानी डोर
तीस के दशक में कभी रानीखेत तहसील के एक छोटे से गाँव करगेत से निकले पाँच भाइयों ने जब जीवन में अपने लिए कुछ सपनों के साथ शहर का रूख किया तो कानपुर का यही घर उनका ठिकाना बना जिसे उन्होंने बड़ी... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 39
बरेली के मिशनरी प्रचारक विलियम बटलर ने पहाड़ में मिशनरी का खूब प्रचार किया था. फतेहपुर के पास ईसाई नगर में पुराने चर्च में विलियम बटलर का नाम आज भी अंकित है ईसाई नगर हेनरी रैमजे के समय में ब... Read more
बदलते परिवेश का पहाड़ – पहली क़िस्त
मुझे और मेरे सहपाठी रतन सिंह को जिस दिन चकराता से त्यूनी जाना था उसके एक रात पहले चकराता और आस पास के पहाडी क्षेत्रों में ज़बरदस्त बर्फ़बारी हो गयी थी और जिसकी वजह से लोखण्डी से त्यूनी जाने... Read more
विज्ञान, मेडिकल अध्ययन और फिजियोलॉजी के क्षेत्र में दिया जाने वाला प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना मेमोरियल अवार्ड इस वर्ष राजकीय मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा फ़लक ज़मा को दिया गया.... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 38
यहां भाबर के लिए एक शब्द अक्सर प्रयोग में लाया जाता है ‘भबरी जाना,’ यानि खो जाना. यह बात पहले भी कही जा चुकी है कि इस खो जाने की प्रक्रिया को भबरिया कहा जाने लगा. ऐसा शब्द किसी भी शब्दकोश मे... Read more
नीम करोली बाबा की दुर्लभ तस्वीरें – 2
नैनीताल और गरमपानी के बीच स्थित नीम करोली ( नीब करौरी ) आश्रम, कैंची धाम लम्बे समय से श्रध्दालुओं की भक्ति के बड़े केंद्र के रूप में विकसित होता जा रहा है. इस आश्रम की स्थापना करने वाले बाबा... Read more
पहाड़ों में अब मौसमी गीत ही गीत हैं. बसंत बरसात और प्यारा जाड़ा तो है. जाड़ा अब उतना गुलाबी नहीं जैसे हुआ करता था. बरसात में यदा – कदा रिमझिम बरखा होती तो है ज्यादा तो फट के ही बरसती है.... Read more
पिछौड़ा उत्तराखण्ड का एक पारम्परिक परिधान
पिछौड़ा उत्तराखण्ड में सभी मांगलिक कार्यक्रमों में विवाहित महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक पारंपरिक परिधान है. पुराने समय में पिछौड़ा शादी के समय केवल दुल्हन द्वारा ही पहना जाता था. जिसे लड़के... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 37
पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में लंबे समय तक संस्कृत के प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष रहे डीडी शर्मा अवकाश प्राप्त करने के बाद हल्द्वानी नवाबी रोड में निवास कर रहे थे. वे उत्तरी भारत में अपनी श्... Read more
रामनगर का गर्जिया माता मंदिर
गर्जिया देवी मन्दिर उत्तराखण्ड के लोकप्रिय मंदिरों में एक है. यह रामनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर ढिकुली और सुंदरखाल गांव के पास बना हुआ है. यह माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक... Read more