आप उत्तराखण्ड के किसी भी इलाके में सैलानी बन कर भ्रमण के लिए निकले हों तो तय है कि आपको कई जगहों पर सड़कों के किनारे-किनारे दौड़ने का अभ्यास करते, पसीने में सराबोर किशोरों के छोटे-बड़े समूह नज़... Read more
पाण्डवाज़ का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
[एक ऐसे समय में जब कुमाऊँ-गढ़वाल का लोकसंगीत संभवतः अपने सबसे बुरे और बेसुरे दौर से गुज़र रहा था, ताज़ा हवा के एक झोंके की तरह ‘पाण्डवाज़’ नामक संगीत समूह ने प्रवेश किया और अपनी प्रोडक्शन-गुणवत्... Read more
स्वाद और सेहत का संगम है गहत की दाल
पहाड़ के खाने में शरीर की जरूरत के लिए पर्याप्त ऊर्जा और पोषण के साथ-साथ मौसम का भी विशेष ध्यान रखा गया है. अपने अनुभव से हमारे पूर्वजों द्वारा गर्मियों के लिए तय किया गया भोजन ठंडी तासीर वाल... Read more
1857 के ग़दर में काली कुमाऊँ का स्वतंत्रता सेनानी
भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखण्ड की भी अपनी भूमिका रही. उत्तराखण्ड के काली कुमाऊँ में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हाथ मजबूत करते हुए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बगावत का बीज बोया ग... Read more
चचा ग़ालिब के जन्मदिन पर उनकी हवेली से एक रपट
सुबह जब गली मीर क़ासिम जान पहुंचा तो उनकी हवेली, जिसे अब एक स्मारक में तब्दील कर दिया गया है, के आसपास कुछ ख़ास नज़र नहीं आया. बाहर उनके पोते के साथ अपने बच्चे को मदरसे ले जाने के लिए रिक्शे का... Read more
अक्सर हमें अपने बड़े-बूढ़ों से सुनने को मिलता है कि एक ज़माने में सैनिकों या किसी अन्य वजह से घर से मीलों दूर रह रहे प्रवासियों के परिवारजन उनकी अनुपस्थिति में ही उनका विवाह कर दुल्हन घर ले आया... Read more
देश में बनी पहली गढ़वाली फिल्म थी ‘जग्वाल’
बृहस्पतिवार, 4 मई 1983 का दिन. दिल्ली का रफ़ी मार्ग सैकड़ों की भीड़ से अटा हुआ था. रफ़ी मार्ग में स्थित मावलंकर आडिटोरियम के बाहर लोगों में टिकट लेने को लेकर होड़ लगी थी. मावलंकर आडिटोरियम के बाह... Read more
कुमाऊँ रेजीमेंट के सैनिक थे आजाद भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ
उत्तराखण्ड पूरे देश-दुनिया में कई क्षेत्रों में अपने नागरिकों के कामों से भी पहचाना जाता है. कई सामाजिक क्षेत्रों में उत्तराखंडियों का अच्छा दखल है. होटल-रेस्टोरेंट, पर्वतारोहण, मीडिया, साहि... Read more
नागपुर की सड़क पर डबल कार्बोरेटर वाली कार जिसके गद्दों के कवर खुद शिकार किए गए जंगली जानवरों की खाल से सज्जित हों, को तेज रफ़्तार से दौड़ाने वाला एक युवा. भारत के राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रपति... Read more
नैनीताल की पाषाण देवी
उत्तराखण्ड में शाक्त परम्परा की महाशक्तियों के पूजन की प्रथा बहुत पुरानी है. उत्तराखण्ड के जनमानस में सबसे बड़ा धार्मिक प्रभाव भगवान शिव और उनकी अर्द्धांगिनी पार्वती का रहा है. पार्वती के ही... Read more