Myth of Shyangse God of Pangu and Purnagiri Mata
हिन्दी में पढ़ें: पांगू के देवता श्यांगसै और माँ पूर्णागिरी की कथा In the village of Pangu in Uttrakhand of India is the temple of Shyangse. Nearby in Chaudans is a temple of the mother godde... Read more
भिटौई काफल और हिसालू
उत्तराखंड एक कृषिप्रधान राज्य है. उत्पादन की दृष्टि से भले यहां खेती बहुत कुछ न देती हो लेकिन राज्य की अधिकांश जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि रहा है. इसी कारण यहां के तीज-त्यौहार-परम्परा फसल... Read more
शहीद भगत सिंह का लेख: अछूत का सवाल
(भगतसिह का ‘अछूत का सवाल’ नामक लिखा यह लेख जून, 1928 के ‘किरती’ में ‘विद्रोही’ के नाम से प्रकाशित हुआ था.) हमारे देश जैसे बुरे हालात किसी दूसरे देश के नहीं हुए. यहाँ अजब-अजब सवाल उठते रहते ह... Read more
सांझी शहादत, सांझी विरासत: हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का घोषणापत्र
(23 दिसम्बर, 1929 को क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश वायसराय की गाड़ी को उड़ाने का असफलप्रयास किया. गाँधीजी ने इस घटना के विरोध में एक लेख ‘बम की पूजा’ लिखा, जिसमें उन्होंने वायसराय को देश का शुभचि... Read more
हिमालय की पहचान का खोजी : स्वामी प्रणवानंद
हिमालय के इतिहास पुरातत्व व संस्कृति पर गहन मनन व अध्ययन के प्रणेता रहे स्वामी प्रणवानन्द. कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्गों की लोकथात को अपने विशद परीक्षणों व तल्लीनतापूर्वक की गई जांच पड़ताल के... Read more
होली के आखिरी दिन पुरुषों के भोजन एवं पेय की एक मौखिक पुस्तक कई वर्षों से चली आ रही है. यह पुस्तक किसी ने न लिखी है न पढ़ी है इसके बावजूद होली की इस पुस्तक के नियमों का पालन दशकों से किया जात... Read more
होली बच्चों का पसंदीदा त्यौहार है. होली में मटरगश्ती तो होती है लेकिन साथ में पकवान इस मटरगश्ती को दोगुना बड़ा देते हैं. होली में बनने वाले पकवानों में एक है गुजिया. बच्चों से लेकर बूढ़े गुजिय... Read more
कुमाऊनी होली: अतीत के कुछ पन्ने
कूर्मांचल जिसे वर्तमान में कुमाऊँ नाम से संबोधित किया जाता है, अनादि काल से विश्व में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है. कालांतर में चंदवंशी चंद राजाओं ने इसे अपनी राजधानी बनाया. यहीं से शासन करत... Read more
फागुन को पौड़ी के बड़े याकूब का इन्तजार रहता है
होली है जो बैरभाव को जगाती है और न जात-पात को देखती है और न छोटे-बड़े का भेद समझती है. ऐसा त्यौहार भारतीय संस्कृति के अतिरिक्त कहीं नहीं दिखाई देता है. जिसमें सचमुच समाज आपसी मनमुटाव को भुला... Read more
भै भुको, मैं सिती : भिटौली से जुड़ी लोककथा
उत्तराखण्ड में चैत (चैत्र) का महीना लग गया है. कुमाऊं में चैत के महीने में विवाहित बहनों व बेटियों को भिटौली देने की विशिष्ट सांस्कृतिक परम्परा है. चैत के पहले दिन बच्चे फूलदेई का त्यौहार मन... Read more