आठ करोड़ पौधे लगाने वाले पिथौरागढ़ के पर्यावरणविद कुंवर दामोदर सिंह राठौर
2016 में मई महीने में डीडीहाट के आस-पास के जंगलों में आग लगती है. भनौरा गांव में रहने वाला 91 बरस का एक बूढ़ा अपनी लाठी के सहारे निकल पड़ता है जंगल की ओर आग बुझाने. आग बुझाने के प्रयास में उसे... Read more
आज जब हम लोगों को अपने बच्चों के हिंदी बोलने तक में शर्म महसूस होती है ऐसे में अपने बच्चों को कुमाऊनी बोलने की इजाजत भर देना आश्चर्यचकित कर देता है. किसी भाषा की दुर्गत करने में पहला योगदान... Read more
कुमाऊं और गढ़वाल में बहुत सी ऐसी परम्परा और रीतियां हैं जो अब हमें केवल किताबों में देखने को मिलती है. बदलते परिवेश के साथ गढ़वाल और कुमाऊं में होने वाले परम्परागत विवाह में बहुत सी परम्परायें... Read more
लाखामंडल का महाभारतकालीन शिव मंदिर
उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के लाखामंडल गाँव के पास ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्त्व की धरोहरें हैं. ये धरोहरें उपेक्षित हैं, इसी वजह से जिस जगह पर सैलानियों का साल भर ताँता लगा रहना चाह... Read more
हमारे फैजाबाद में घंटाघर के नीचे एक बदसूरत सी पान की दुकान है, लेकिन चलती खूब है. वजह यह कि उसके जैसा कत्था पूरे शहर में कोई और नहीं बनाता. एक गिलौरी मुंह में दबाइए और चलते-चलते मकबरे तक पहु... Read more
पहाड़ी जाड़े की सौग़ात: सना हुआ नींबू
पहाड़ी नींबू करीब करीब बड़े दशहरी आम जितने बड़े होते हैं. माल्टा मुसम्मी और संतरे के बीच का एक बेहद रसीला फल होता है. ताज़ी पहाड़ी मूली में ज़रा भी तीखापन नहीं होता. भांग के बीजों में नशे जै... Read more
जब हल्द्वानी में पहली बार आई बिजली
1949-50 से पहले हल्द्वानी में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के लिये अधिकतर जगहों पर कैरोसिन तेल के लैम्प जलाये जाते थे. 1929-30 में हल्द्वानी शहर में प्रकाश की व्यवस्था ठेके पर चल रही थी. 1940-4... Read more
आषाढ़ की काली धूप संग पहाड़ों में रोपाई
पहाड़ के लोगों और आषाढ़ की काली धूप का हमेशा से गहरा नाता रहा है. आषाढ़ की इसी काली धूप में लगती है रोपाई. उत्तराखंड में धान की बुआई के लिये लगाई जाने वाली रोपाई जिसे गढ़वाल में रोपणी भी कहते है... Read more
लाखामंडल उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के देहरादून जिले की ग्राम सभा है. यह क्षेत्र जौनसार बावर के रूप में भी अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान रखता है. लगभग 1000 की आबादी वाले इस गाँव में उत्तराखण्ड के... Read more
डोका : पहाड़ी महिलाओं के श्रम का साथी
शहरों में हम अपना लैपटॉप बैग पीठ में लगाकर सुबह ही ऑफिस को निकलते हैं तो पहाड़ों में महिलायें पीठ में डोका लगाकर सुबह ही जंगल या खेतों को निकल लेती हैं. डोका जो पहाड़ की हर महिला के श्रम का सा... Read more