बंसत पंचमी नये कार्यों की शुरुआत करने का पर्व है
बसंत ऐग्ये हे पार सार्यो मां, रूणक झुणक ऋतु बसंत गीत लगांदि ऐग्ये… आज से बंसत का आगमन हो गया है. बसंत पंचमी खुशियों की शुरुआत का त्योहार है. इस बार बसंत पंचमी दो दिन मनायी जा सकती है.... Read more
झन दिया बौज्यू शराबी घर, शराबी देखि लागछि डर
इस बात में शायद ही दो राय हो कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अर्थव्यवस्था की रीढ़ यहां की महिलायें रही हैं. पहाड़ में उनके जीवन के कष्ट भी किसी से छुपे नहीं हैं. इन कष्टों को बढ़ाया है शराब के... Read more
हमारे पहाड़ों में सभी लोग संक्रांत कोई त्यौहार में पूरे गांव बाखली में दो-दो पूरी और एक बड़ा (पैड) देने का रिवाज आज समाप्ति की ओर बढ़ता नजर आ रहा है. (Fading Customs in Uttarakhand) अब न तो... Read more
कुटी गाँव और वहाँ के लोगों की तस्वीरें
बताया जाता है कि पांडव जब स्वार्गारोहण को जा रहे थे तो इस स्थान पर लम्बे वक़्त के लिए रुक गए थे. पांडवो की माँ कुंती को ये जगह बहुत भा गयी थी, इस कारण बाद में इस जगह को कुटी के नाम से जाना ग... Read more
ऐसे बनायें घर पर ही शुद्ध पिठ्या
हिन्दू परिवारों में कोई उत्सव हो अथवा पारिवारिक रस्म, पिठ्या (रोली) के बिना रस्म पूरी नहीं होती. अमूमन लोग बाजार से लाये गये पिठ्या का ही उपयोग करते हैं. बाजार से खरीदे जाने वाले पिठ्या में... Read more
समाजसेवा और सिक्ख एक दूसरे के पर्याय हैं. पूरे विश्वभर में आपातकालीन स्थितियों में सेवा देने के लिए सिक्ख समाज सबसे पहले नजर आता है. गुरुद्वारों में चलने वाले लंगर से करोड़ों लोग अपनी भूख प्... Read more
उत्तराखंड की महिलाओं को भी माहवारी के दौरान मानसिक यातना से गुज़रना होता है
स्कूल की घंटी बजते ही सभी बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओं में दौड़ जाते हैं. सातवीं कक्षा की स्वाति (काल्पनिक नाम) भी अपनी सहेलियों के साथ क्लास में पहुँच जाती है. परन्तु वह कक्षा में स्वयं को असहज... Read more
बाबिल घास : पहाड़ की बहुउपयोगी घास
बाबिल, जिसे गढवाल क्षेत्र में बाबड़ नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानों पर उगने वाली एक लटनुमा घास की प्रजाति है. चट्टानों पर उगने के कारण इसको हासिल करना भी जोखिमपूर्ण कार... Read more
मध्यकालीन गढ़वाल की राजनीति जिसे गढ़ नरेशों के युग से भी जाना जाता है, में कुछ असाधारण व्यक्तियों ने अपनी विलक्षण प्रतिमा से इतिहास में स्थान बनाया है. इनमें पुरिया नैथाणी का नाम विशेष रूप स... Read more
टीवी में बहुत ही रोचक कार्यक्रम आ रहा था जिसका विषय था-दानव मछली. यानी ऐसी बड़ी-बड़ी मछलियाँ जो रहती तो नदी में थी लेकिन उनके जीवित मनुष्यों को निगल जाने की किंवदंतियाँ भी थीं. क्योंकि विष... Read more