पहाड़ियों को बहुत प्रिय है घुघूती
पहाड़ों में जिन पक्षियों ने जनमानस को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है उनमें से एक है घुघूती. इससे जुड़े गीतों किस्से कहानियों किवदंतियों से शायद ही उत्तराखंड का कोई हिस्सा अछूता रहा हो. यह आकार... Read more
उत्तराखंड का बहुजन समाज मुख्यतः कृषक और पशुपालक रहा है. इनके लिए जमीन और पशुधन सबसे ज्यादा प्रिय और कीमती है. इसीलिए उत्तराखंड के पर्वतीय समाज में एक दिन पशुओं के उत्सव का भी तय किया गया है.... Read more
पहाड़ियों की मेहनत के प्रतीक घास के लूटे
बरसात के बाद मौसम में पहाड़ हरी लम्बी घास से लद जाते हैं. इस घास का प्रयोग यहां के लोग अपने जानवरों को खिलाने के लिये करते हैं. इन दिनों हरे पहाड़ों के बीच लाल-पीली रंगीन साड़ियों में पहाड़ की म... Read more
इस साल काफी मेहनत के बाद लौकी व कद्दू की बेल अच्छी हुई है. लौकी में बालमृत्यु दर बहुत ज्यादा है. मैंने किसी तरह की रसायनिक खाद व कीटनाशक दवा का प्रयोग नहीं किया. बड़ी मुश्किल से एक लौकी लगी.... Read more
हुसैनगंज में तो रक्षाबंधन की भनक लग जाती थी क्योंकि जून महीने से ही रेब्दा ताऊजी की तकली नाचने लगती. घर आते ही वे झोले से तकली बाहर निकालते और सूत को पूनी से जोड़ते हुए जांघ पर रगड़कर छोड़ द... Read more
कुमाऊं में पारम्परिक विवाह प्रथा
पुरातन काल से ही भारतीय हिन्दू समाज में विवाह को जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है. विवाह स्त्री – पुरुष का मिलन मात्र नहीं अपितु एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था है जहां से मानव वंश को आगे ब... Read more
प्रकृति के करीब है पहाड़ का लोक पर्व – हरेला
“तुम जीते रहो और जागरूक बने रहो, हरेले का यह दिन-बार आता-जाता रहे, वंश-परिवार दूब की तरह पनपता रहे, धरती जैसा विस्तार मिले आकाश की तरह उच्चता प्राप्त हो, सिंह जैसी ताकत और सियार जैसी बुद्धि... Read more
बाजार न लूट ले हरेले की हरियाली
तेज गर्मी हो रही है. सलमान खान अकेला धूप में पहाड़ के खंडर हो चुके एक गांव में झुलसता हुआ चल रहा है. खंडहरों के बीच एक जगह में बन्दरों का समूह है. बंदरों और सलमान खान की नजर मिलती है. सलमान क... Read more
रंगवाली पिछौड़ा : कुमाऊनी महिलाओं की पहचान
उत्तराखंड का परम्परागत परिधान आदर्शतः वहां के वासिंदों की जीवन शैली के साथ ही वहां की प्रजातीय समुदाय की विशिष्ट संस्कृति को भी प्रतिबिंबित करता है. रंगवाली पिछौड़ा उत्तराखंड के कुमाऊं संभाग... Read more
कल बोया जायेगा हरेला
हरेला उत्तराखंड का एक लोकप्रिय त्यौहार है. हरेला एक वर्ष में तीन बार मनाया जाने वाला प्रकृति से जुड़ा एक लोकपर्व है. हरेला उत्तराखंड के लोगों का प्रकृति से जुड़ाव दिखाता है. कल इस वर्ष का दूसर... Read more