हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 57
यूसुफ साहब बताते हैं कि उन्होंने बचपन में अपने बुजुर्गों से रामगढ़, नथुवाखान, बागेश्वर इत्यादि नाम सुने थे. इन जगहों में वह जाया करते थे. वह फख्र से कहते हैं कि बंजारा बिरादरी पर पहाड़ को पूरा... Read more
आजादी से पहले उत्तराखण्ड में वन आन्दोलन
वन आन्दोलन 1920-21 तक बेगार आन्दोलन का पूरक हो गया था. इन आन्दोलनों के व्यापक सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा मनोवैज्ञानिक परिणाम हुए. इनसे प्रान्तीय प्रशासन, राजनीति और स्वयं राष्... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 56
हल्द्वानी के बरेली रोड में आज भी अब्दुल्ला बिल्डिंग विख्यात है. इसके बारे में माजिद साहब बताते हैं कि उनका जो बगीचा था उसके मुख्य स्थान पर 1902 में बिल्डिंग बननी शुरू हुई और भवन निर्माण के ह... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 55
जहिद हुसैन बताते हैं कि पहले जब संसाधन नहीं थे, पैदल और घोड़ों पर बारात जाया करती थी. 40-50 किमी तक की यात्रा बैण्ड वाले भी करते थे. उनके ताऊ अलताफ की चोरगलिया की किसी बारात में जाते समय हृदय... Read more
नैनीताल में थियेटर का इतिहास करीब एक शताब्दी पुराना है और नैनीताल नगर ने लम्बे समय से रंगमंच के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई हुई है. ललित तिवारी, निर्मल पांडे, सुदर्शन जुयाल, सुनीता रजवार... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 54
कई दूसरे शहरों में मुस्लिम समाज के बीच भी धार्मिक मान्यताओं को लेकर आपसी फसादाता होते रहते हैं, किन्तु यहां बरेलवी और देवबंदी दोनों मतों को मानने वाले धार्मिक मामलों में आपसी सुलह-समझौते को... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 53
कुमाऊं मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड नामक यह कम्पनी हिस्सों की बुनियाद पर नहीं बल्कि एक प्रकार से सहकारी भावनाओं को लेकर मालिकों ने अपनी-अपनी गाड़ियां एक कम्पनी के अन्दर सामूहिक व्यवस्था के तहत र... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 52
वर्तमान में इलैकट्रानिक मीडिया के कई चैनल काम करने लगे हैं. समाचार पत्रों के प्रकाशन की भी बाढ़ सी आ गई है और यह काम आधुनिक टैक्नालॉजी के प्रवेश से आसान भी होता जा रहा है. पत्रकारिता में व्यव... Read more
मौर्यकाल के दौरान उत्तराखण्ड की स्थिति
उत्तराखंड का इतिहास भाग – 7 मौर्यकाल के साहित्यिक और पुरातत्विक स्त्रोत मिल जाने के कारण वर्त्तमान उत्तराखण्ड क्षेत्र का एक स्पष्ट इतिहास सामने आता है. मौर्यकाल के दौरान वर्तमान उत्तराखण्ड क... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 51
यह 15 अगस्त 1978 का दिन था. एकाएक मैंने उसे अपने सामने खड़ा पाया, एक ग्राहक के रूप में. मै बैठने का आग्रह करूं, उससे पहले ही वह बोला, ‘‘अखबार छापना है’’. एक छोटा छापाखाना किसी दूसरे का अखबार... Read more