कुमाऊँ की ऐतिहासिक वीरांगना अस्कोट की रानी धना
ऐतिहासिक वीरगाथा कुमाऊँ में प्रचलित ऐतिहासिक वीरगाथाओं में से एक है अस्कोट की रानी धना (Dhana, Warrior Kumaon) की वीरगाथा. धना डोटी के रैंका शासक कालीचंद के पिता की भांजी और कुमाऊँ की अस्कोट... Read more
पांगू के देवता श्यांगसै और माँ पूर्णागिरी की कथा
Read in English: Myth of Shyangse God of Pangu and Purnagiri Mata भारत के उत्तराखण्ड राज्य के पांगू नामक गांव में श्यांगसै नामक मंदिर है. वह गांव के स्थानीय लोगों के कुल देवता है. चौंदास क... Read more
Myth of Shyangse God of Pangu and Purnagiri Mata
हिन्दी में पढ़ें: पांगू के देवता श्यांगसै और माँ पूर्णागिरी की कथा In the village of Pangu in Uttrakhand of India is the temple of Shyangse. Nearby in Chaudans is a temple of the mother godde... Read more
शहीद भगत सिंह का लेख: अछूत का सवाल
(भगतसिह का ‘अछूत का सवाल’ नामक लिखा यह लेख जून, 1928 के ‘किरती’ में ‘विद्रोही’ के नाम से प्रकाशित हुआ था.) हमारे देश जैसे बुरे हालात किसी दूसरे देश के नहीं हुए. यहाँ अजब-अजब सवाल उठते रहते ह... Read more
सांझी शहादत, सांझी विरासत: हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का घोषणापत्र
(23 दिसम्बर, 1929 को क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश वायसराय की गाड़ी को उड़ाने का असफलप्रयास किया. गाँधीजी ने इस घटना के विरोध में एक लेख ‘बम की पूजा’ लिखा, जिसमें उन्होंने वायसराय को देश का शुभचि... Read more
कुमाऊनी होली: अतीत के कुछ पन्ने
कूर्मांचल जिसे वर्तमान में कुमाऊँ नाम से संबोधित किया जाता है, अनादि काल से विश्व में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है. कालांतर में चंदवंशी चंद राजाओं ने इसे अपनी राजधानी बनाया. यहीं से शासन करत... Read more
गोविन्द राम काला का परिचय यूं दिया जा सकता है कि वे उत्तराखंड के उन चुने हुए लोगों में से थे जिन्होंने 1911 में ही इन्टरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली थी. उस ज़माने में इतनी शैक्षिक योग्यता बहुत... Read more
भारतीय लोकतंत्र के नायकों में से एक चुनावों का यह मौसम लोकतंत्र के अनेक नायकों को याद करने का समय है. स्वतंत्र भारत की सबसे मजबूत नेताओं में से एक थीं इंदिरा गांधी. वे चार बार देश की प्रधान्... Read more
डांडी यात्रा में उत्तराखंड के सत्याग्रही
भारत के इतिहास में 12 मार्च का दिन ख़ास है. आज ही के दिन 1930 को महात्मा गांधी ने डांडी मार्च शुरु किया था. साबरमती से शुरु इस पैदल यात्रा के शुरु होने के बाद महात्मा गांधी भारत आजाद होने के... Read more
फिरंगी जुल्म सहने की प्रैक्टिस के लिए जब अल्मोड़े के युवक अपने घावों में नमक भरवाते थे
अल्मोड़े में कांग्रेस का जन्म 1921 में हुआ. इससे पहले जब 1905 में बंग भंग आन्दोलन का प्रारम्भ हुआ, उससे कुछ बच्चों और नवयुवकों के सुकुमार मन में अंग्रेजी राज के प्रति घृणा के भाव उत्पन्न हो... Read more