उन्नीसवीं शताब्दी में अल्मोड़ा नगर के दो सगे भाइयों ने अपने क्षेत्रों में ऐसा काम कर दिखाया था जिस पर प्रत्येक कुमाऊनी गर्व कर सकता है. ज्येष्ठ भाई देवीदत्त जोशी ने कुमाऊँ में गेय पद्धति पर आ... Read more
तब हम रानीधारा की सड़क में दौड़ लगाते थे. दस बारह वर्ष के रहे होंगे या चौदह-पन्द्रह के. सन 1940 से 1945 तक का समय था. धीरेन्द्र उप्रेती, मोहन पांडे और मैं और हरी-भरी दूर्वादल से ढंकी पैदल सड़क.... Read more
कभी ऐसा भी एक गुप्त संगठन था अल्मोड़ा में
सारे देश की तरह कुमाऊँ में भी जहाँ अधिकतर लोग महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलकर स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे, वहीं यहाँ के नवयुवकों ने अपने ढंग से कुछ ऐसे कार्य किये जिनसे तत्कालीन ब्र... Read more
भगत सिंह (28 सितम्बर 1907 से 23 मार्च 1931) हाल ही की बात है, मेरा एक दोस्त दिल्ली से आया था. उसने शहर पहुंचने के बाद पता जानने के लिए मुझे फोन किया. उसने बताया कि वह चौराहे पर एक बड़े से बुत... Read more
एटकिंसन ने क्या लिखा है लोहाघाट के बारे में
काली कुमाऊं परगना और रगडुबान पट्टी में एक गांव और पुरानी फौजी छावनी हैं जो चम्पावत से 6 मील दूर लोह नदी के किनारे है. लोहाघाट छिरापाणी से 10 मील उत्तर में, बेपाल सीमा से 15 मील और अल्मोड़ा स... Read more
पिथौरागढ़ को सोर घाटी क्यों कहते हैं
पिछली कड़ी : पिथौरागढ़ जिले का नामकरण प्रथमतः पिथौरागढ़ के नामकरण को पढ़ने के बाद अब उसकी प्राचीनता की ओर बढ़ते हैं. पिथौरागढ़ को सोर घाटी कहा जाता है यहां यह जान लेना भी उचित होगा कि आखिर ये... Read more
जब 500 रुपये का जुर्माना हुआ दानसिंह मालदार पर
गोविन्द राम काला की शानदार किताब ‘मेमोयर्स ऑफ़ द राज’ के कई अंशों का अनुवाद आप काफल ट्री पर पढ़ चुके हैं. आज पढ़िए अपनी इस पुस्तक में पिथौरागढ़ के मालदार परिवार को लेकर गोविन्द राम काला ने क... Read more
अल्मोड़े का प्यारा पानी
अल्मोड़ा के सुनार मोहल्ले में एक पुरानी दुकान है – श्याम लाल हीरा लाल एंड संस. इस दुकान की स्थापना 1885 में हुई थी. श्याम लाल साह जो मोती लाल साह के पुत्र थे, के तीन बेटे हुए – हीरा लाल साह,... Read more
पिथौरागढ़ जिले का नामकरण
24 फरवरी 1960 को जिले के रूप में अस्तित्व में आये दो देशों से सीमा बनाने वाला क्षेत्र पिथौरागढ़ अपनी प्राचीन सभ्यता को समेटे अग्रसर है. देवभूमि वैसे तो अपनी खूबसूरत वादियों के लिये जगतविख्या... Read more
आज जानिये जी.आई.सी. पिथौरागढ़ स्कूल का इतिहास
1925 के आस पास पहली बार पिथौरागढ़ में उच्च माध्यमिक स्कूल खोलने का विचार सूबेदार मेजर भवान सिंह सौन के मन में आया. उन्होंने कुमाऊं बटालियन के ऑफिसरों का ध्यान इस ओर दिलाया.बटालियन के कमांडिं... Read more