(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120 बरस पहले के कुमाऊं-गढ़वाल के बारे में बहुत दिलचस्प विवरण पढ़ने को मिलते हैं. प्रस्तुत है इस किताब से... Read more
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120 बरस पहले के कुमाऊं-गढ़वाल के बारे में बहुत दिलचस्प विवरण पढ़ने को मिलते हैं. प्रस्तुत है इस किताब से... Read more
रूद्रपुर नगर का इतिहास
रूद्रपुर, उत्तराखंड का एक प्रमुख शहर, अपनी सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक परिवर्तनों के लिए प्रसिद्ध है. उधम सिंह नगर जिले का यह मुख्यालय समय के साथ विकसित होता रहा है और हर युग में नई पहचान... Read more
1982 में गोपेश्वर
इस शताब्दी के पांचवें दसक के अन्त में आ चीनी विस्तारवादी ड्रेगन के खूनी पंजों में फंस कर जब तिब्बत का कमजोर कबूतर लहूलुहान हो गया, तो मानसरोवर गंवा कर तत्कालीन भारत का पंचशीली राजहंस अपनी गर... Read more
–रामचन्द्र नौटियाल अंग्रेजों के रंवाईं परगने को अपने अधीन रखने की साजिश के चलते राजा नेे मन मसोसकर टिहरी को बनाया ठिकाना गोरखों के आतंक से गढ़वाल राज्य को राहत दिलाने के बाद अंग्रेजों... Read more
गढ़वाली चित्रकला की विशेषताएं
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree गढ़वाल के चित्र भी कांगड़ा के समान ही लघुचित्र हैं ओर पहली दृष्टि में कांगड़ा और गढ़वाल के चित्रों को पृथक करना कठिन है, पर... Read more
‘द्वाराहाट’ उत्तराखंड के इतिहास की एक रोशन खिड़की
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree द्वाराहाट, उत्तराखंड के उन प्राचीनतम कस्बों में है जिसकी पहचान और उपस्थिति इतिहास के हर दौर में किसी न किसी रूप में रही है.... Read more
कुमाऊं का इतिहास
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree ऐतिहासिक स्तर पर कुमाऊं के ‘संस्कृतीकृत नाम ‘कूर्मांचल’ का सर्वप्रथम अभिलेखीय उल्लेख चम्पावतस्थ नागमंदिर... Read more
महाभारत के वनपर्व में उत्तराखंड
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree यह बात कोई नहीं जानता कि उत्तराखंड में तीर्थ यात्रा कब से चल रही हैं. धर्मशास्त्र, पुराण आदि के आधार पर यह कहा जा सकता है क... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree 31 दिसम्बर के कलकत्ता इंग्लिशमैन में छपी एक खबर कि अलमोड़ा के निकट एक झील को खोजा गया है, पर संयोगवश ही मेरी नजर पड़ी. संभव... Read more