बजट 2024 : प्राकृतिक खेती की बुनियाद
2024 के बजट में प्राकृतिक खेती की तकनीक को एक करोड़ किसानों तक पहुँचाने की नवीनतम घोषणा है. यह उम्मीद की गई है कि देश की अर्थव्यवस्था में खेती किसानी से गुणक व त्वरक प्रभाव उपजें. यह तभी सम्... Read more
अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन इस बार पेरिस ओलम्पिक में शिरकत कर रहे हैं. दुनिया भर को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके लक्ष्य सेन का यह ओलम्पिक डेब्यू भी है. पेरिस ओलम्पिक में लक्ष्य ने अपन... Read more
बुकिल : एक आत्मकथा
मैं बुकिल हॅू, कुछ लोग मुझे बकौल भी बोलते हैं. वह बकौल नहीं, जो अरबी भाषा का शब्द होते हुए भी आम बोलचाल में कथनानुसार के अर्थ में खूब प्रयुक्त होता है. बल्कि वह बकौल का पौधा, जो उत्तराखंड के... Read more
पहाड़ों में पिछले एक महीने से खेतों में उत्सव का माहौल है. बरसात अपने साथ ख़ुशियाँ भी लेकर आती है, ये वक़्त होता है जब पहाड़ की ज़िन्दादिल और हमेशा खुश दिखने वाली महिलायें अपने सबसे प्रिय स्... Read more
जी रया जागि रया यो दिन यो मास भेटने रया
लाग हरैला, लाग बग्वालीजी रया, जागि रयाअगास बराबर उच्च, धरती बराबर चौड है जयास्यावक जैसी बुद्धि, स्योंक जस प्राण है जोहिमाल म ह्युं छन तक, गंगज्यू म पाणि छन तकयो दिन, यो मास भेटने रया (Harela... Read more
कल हरेला है
पहाड़ियों के घर में आज हरेला तैयार हो चुका होगा. हरेला यानी पांच या सात प्रकार के अनाजों की हरी-पीली लम्बी पत्तियां. कल हरेले की पूजा होगी और हरेला काटा भी जायेगा. काटने के बाद पहाड़ी इसे अप... Read more
चौमास में पहाड़
आजकल तो चौमास या बरसात के महिनों में एक डर बना रहता है कि कहां पहाड़ दरक जाये, कहां नदी रास्ता बदल दे, कहां सड़क पर मलवा आ जाय, कहां जन-हानि हो जाय? लेकिन पहले चौमास इतना भी डरावना नहीं था.... Read more
एक सुनहरे युग के आख़िरी बाशिंदे थे जिमी
क्रिकेट देखना मुझे तभी तक अच्छा लगता रहा जब उसे सफ़ेद पोशाक पहन कर खेले जाने का रिवाज था. फुटबाल खिलाड़ियों की तरह पीठ पर नंबर लिखे रंग-बिरंगे कपड़ों में खेली जाने वाली पाजामा क्रिकेट ने खेल... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया वापसी का दौर था. कुंडल दा, सोबन, दल बहादुर और डमर दा ने पहले से तय कर रखा था कि पहले पटौद कुंड से हो कर जाने वाले रास्... Read more
मखमली दुनिया के सफ़र में : फोटो निबंध
उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुन्दरता में चार चाँद लगाते हैं, यहाँ के उच्च हिमालय में स्थित दूर तक फैले हरे भरे बुग्याल. बुग्याल घास के बड़े बड़े मैदान होते हैं जो लगभग 10000 फिट की ऊँचाई के बाद... Read more