फूलदेई से पहले खिलते हैं प्योंली के फूल
आसमान को छेदती, नुकीली ऊँची-ऊँची बर्फीली चोटियों की तलहटी में देवदार,भोज और रिंगाल के हरे-भरे सघन जंगलों के बीच एक गहरे अनछुये उड्यार (गुफा) में कच्ची हल्दी के साथ गुलाबी बुरांस-सी रंगत वाली... Read more
भांति भांति के भारत बंद
आजादी के पहले शायद भारत बंद जैसी कोई पहली घटना हो तो 1905 में बंगाल विभाजन के समय का भारत बंद पहला भारत बंद होगा. इस पहले भारत बंद के दिन लोगों ने सुबह नहा धोकर प्रभात फेरी निकाली थी इसी साल... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 9
`कल…!’(अजी जो चला गया) डीम्ड सस्पेंशन- यदि कोई सरकारी कर्मचारी 48 घंटे से ज्यादा जेल में रहता है तो ऑटोमैटिक सस्पेंड हो जाएगा. वो तो सब ठीक है सर लेकिन ये एसीआर वरिष्ठ अधिकारी ही क्यों... Read more
थोकदार और उसकी नवेली पत्नी के अनदेखे आंसू
ज़माने बीते, जमानों की दुनिया बीत गयी, नयार नदी दूधातोली का अकूत पानी खदीली मिट्टी के साथ बहा कर समुद्र में मिला आई. कुछ बात तो जरूर हुई ही होगी. नहीं तो क्या इतनी दूर तक आती. मैंने तो ये कथा... Read more
लगातार छह दिनों तक एक हजार किलोमीटर से कुछ ज्यादा का सफर ड्राइवर के बगल में बैठने के बाद एक बात अनजाने ही समझ में आयी कि जब हम गाड़ी में होते हैं तो पैदल चलने वाले लोग निहायत ही बेवकूफ जान प... Read more
कैमरे की ताकत
आज जब तकनीक तेजी से बदल रही है, सस्ती होकर सर्वसुलभ हो जनतांत्रिक हो रही है तब कैमरा आम लोगों के लिए भी मूल्यवान साबित हो रहा है. इस बात को अगस्त 2013 में ओड़िशा की नियमगिरि पहाड़ियों पर हो रह... Read more
रेप कल्चर
पिछ्ले कुछ सालों में दुनिया भर में बलात्कार की घटनाओं में भयानक रुप से वृद्धि हुयी है अगर आँकड़ों की मानें तो स्वपन देश अमेरिका में प्रत्येक पाँच मिनट में या तो एक यौन हिंसा घटती है या यौन ह... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 8
मंगला को वेरी गुड मिला वो दो अगस्त 2005 था और कुल तीन बातें कमाल की हुई थीं उस दिन. हमारा मेडिकल होना था और दिन में ही बाहर निकलना हुआ बी डी पांडे अस्पताल. अस्पताल जाने में कभी खुश न होने वा... Read more
सिनेमा में लॉन्ग शॉट का मतलब
[दिल्ली में रहनेवाले संजय जोशी की जड़ें पहाड़ों में बहुत गहरे धंसी हुई हैं. वे नामचीन्ह लेखक शेखर जोशी के योग्य पुत्र हैं और पिछले तकरीबन दो दशकों से बेहतर सिनेमा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयत... Read more
दास्तान-ए-अकबर अली उर्फ़ क़िस्सा अक्कू मियाँ
एक हुआ करते थे अकबर अली. इन हजरत के बारे में अब ये तो नहीं कह सकते कि ये अल्मोड़ा शहर की एक विभूति थे, शान थे कोई ऊंची हस्ती थे. लेकिन कुछ तो थे. एक चरित्र तो थे ही कि जिनका जिक्र आज भी प्रसं... Read more


























