पुणे की गणेश चतुर्थी तस्वीरों में
पुणे की गणेश चतुर्थी की ये तस्वीरें अपने कैमरे से हम तक पहुंचाई हैं हमारी नियमित फोटोग्राफर-स्तम्भकार विनीता यशस्वी ने काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल... Read more
अनुराग कश्यप चलती का नाम गाड़ी हो चुके हैं. सितारेदार प्री-पेड रिव्यूज का पहाड़ लग चुका है. वे अब आराम से किसी भी दिशा में हाथ उठाकर कह सकते हैं- इतने सारे लोग बेवकूफ हैं क्या? फिर भी इतना क... Read more
कुमाऊनी लोकगायिका कबूतरी देवी (1945 – 7 जुलाई, 2018) ने सत्तर के दशक में अपने लोकगीतों से अपने लिए अलग जगह बनाई. साल 2016 में उत्तराखंडी लोक संगीत में अभूतपूर्व योगदान के लिए उत्तराखण... Read more
किस्सा गंजनाशक तेल और दो यारों का -शम्भू राणा उन दोनो की दोस्ती काफी पुरानी और गाढ़ी थी. दोनों की आदतें, स्वभाव और पसंद-नापसंद काफी मिलती थीं. कुछ लोग उन्हें पीठ पीछे उनकी हरकतों के चलते रंगा... Read more
मेरी जिंदगी में किताबें
कुछ दिन हुए किताबों के महामेले से लौटी हूं. पुस्तक मेले में जाना मेरे लिए किसी उत्सव की तरह होता है, हालांकि जानती हूं कि वहां से मनों निराशा और टनों उदासी के साथ वापस लौटूंगी. हिंदी किताब... Read more
आस्था और जीवट का महाकुम्भ है नंदा राजजात यात्रा
उत्तराखण्ड की इष्ट देवी नंदा मानी जाती हैं. प्रदेश के सभी क्षेत्रों में नंदा देवी की वन्दना में उत्सव मनाये जाते हैं. इन उत्सवों में ख़ास है नंदा जात, जात का अर्थ है यात्रा. यह हर वर्ष मनायी... Read more
एक मिसाल है उत्तराखंड के जगत सिंह चौधरी ‘जंगली’ का जंगल : विश्व वन दिवस विशेष
उत्तराखण्ड के गढ़वाल इलाके में रूद्रप्रयाग जिले के एक छोटे से गांव में रहते हैं जगत सिंह चौधरी और ‘जंगली’ के नाम से जाने जाते हैं. ‘जंगली’ के जंगल तक पहुंचने के लिए रूद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग... Read more
धुर गहराती कातिग के महीने चम्म चमकीले झीने उजास को बिखेरती जुन्याली रात का उजाला ऐसा कि दूर खड़ीक के पेड़ों पर पिंगलाई छोटी-छोटी खड़ीक की दाणी भी साफ दिखाई दे. कातिग के महीने में घर बौण का काम... Read more
यह सेलेब्रिटी युग है. डेरा चलाने वाले बाबा से लेकर ड्रग एडिक्शन से जूझ रहा बम्बइया एक्टर और अबोध इंसान को जिंदा जला देने वाले अपराधी से लेकर रिमोट से चलने वाला कमोड फ्लश बनाने वाला आदमी तक स... Read more
खूंखार मंडरा रहे हैं और इन सबके बीच एक स्त्री अपनी स्वतंत्रतता में आ जा रही है
समंदर के पास रहने वाली एक लड़की की स्मृति में – शिवप्रसाद जोशी कुछ वर्ष पुरानी एक रेल की धड़धड़ाहट, यादों में उभर आयी. उसने दिन भर काम निपटाया होगा. कोच्चि में उसके ऑफ़िस में उसके सहयो... Read more


























