दिल्ली से तुंगनाथ वाया नागनाथ – 1
कह तो शेखर ने कोटद्वार, गढ़वाल में ही दिया था कि अगली बार चमोली जिले में नागनाथ-पोखरी पहुंचना है, वहां से गोपेश्वर और फिर तुंगनाथ जाएंगे. लेकिन, अप्रैल तीसरे सप्ताह में ‘8 मई को नागनाथ-पोखरी... Read more
सिनेमा : रोशनदान से दिखता घर का सपना
इटली में 1901 में पैदा हुए फिल्मकार वित्तोरियो डी सिका यथार्थवादी सिनेमा के उस्ताद हैं. यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि वे फ़िल्मकारों के फिल्मकार हैं. खुद हमारे देश के तीन बड़े फ़िल्मकारों –सत्य... Read more
सूरज की मिस्ड काल – 2
(पिछली कड़ी – सूरज की मिस्ड काल भाग- 1) न जाने नछत्रों से कौन, निमंत्रण देता मुझको मौन – सुमित्रानंदन पंत पिछले हफ़्ते अखबार में एक खबर पढ़ी. ब्रह्माण्ड में एक बेहद भारी ब्लैकहोल एक सूदूर... Read more
क्रिकेट का एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड भी है जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ सका है. यह रिकॉर्ड टेस्ट इतिहास में खेले गए पहले टेस्ट मैच में बना था. 1877 में दुनिया का पहला टेस्ट मैच खेला गया. ऑस्ट्रेलियाई... Read more
मलूक दादा का अगला दांव
उत्तिष्ठ अर्थात् उठो, न कि उठाओ क्षीण कटि, क्षीण स्वभाव. वैसे उनकी संपूर्ण ही काया क्षीण थी. सुतवाँ शरीर.साहस और उत्साह में भरे-पूरे. लगभग दुस्साहसी. शर्त बदने को हमेशा तैयार. दाँव खेलने के... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 14
मुगले आजम (सलीम-अनारकली एंड वाट इज़ देयर इन नेम) इसकी पटकथा भी वहीं लिखी गयी त्रिशूल के कमरा नंबर पांच की सबसे पीछे वाली पंक्ति में जहां हमारी प्रतिभा जबर्दस्त हिलोरें मारती थी. उस दिन आनंद अ... Read more
बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 1
[विनोद कापड़ी ने बहुत छोटी जगहों से जीवन की शुरुआत कर संसार में अपने लिए एक बड़ी जगह तैयार की है. एक मीडियाकर्मी के तौर पर खासा सफल जीवन जी चुके विनोद ने हाल के चार-पांच वर्षों में फिल्म निर्म... Read more
जै श्री राम वाले भाई साहब
भाई साहब मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम के भक्त हैं. दुआ सलाम “जै राम” के उदघोष से करते और आह भरते तो “हे राम” कहते. दिनभर में न जाने कितनी बार राम का नाम लेते. किसी बात... Read more
17 सितम्बर 2018 को शुरू हुआ 3 दिवसीय नन्दा देवी महोत्सव आज डोले के विसर्जन के साथ ही समाप्त हो गया. विसर्जन से पहले डोले को भव्य आयोजन के साथ पूरे शहर में घुमाया गया. कई सालों बाद इस बार पूर... Read more
क़स्बों के आखिरी सिरे
इस देश के अमूमन हर क़स्बे के बाहरी हिस्से में एक मुख़्तलिफ़ और यकसां क़िस्म की तासीर सी तारी होती है. वो क़स्बा चाहे आंध्र प्रदेश के कत्थई से आसमान तले फैले तटीय इलाक़े में बसा हुआ हो, या पं... Read more


























