भारतीय क्रिकेट के इतिहास के शुरुआती दिन खासे विवादास्पद रहे थे. कई बार ऐसा हुआ कि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को दरकिनार कर रईसज़ादे नवाबों और महाराजाओं को भारत का प्रतिनिधित्व करने के मौके मिले. भ... Read more
रंगरूटी में निखरती हनुमंत की जवानी
हनुमंत सिंह के बड़े भाई फौज में थे. उन दिनों वे किसी अफसर के ‘खास आदमी’ थे. कहने का तात्पर्य है कि, वे ‘बटमैन’ का ओहदा संभाले हुए थे. संयोग से वही अफसर ‘रिक्रूट... Read more
(बीते हुए कल और आज यानी 29 और 30 नवंबर को देश भर से किसान अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर एक बार फिर से राजधानी दिल्ली में हैं. किसानों के नासिक-मुंबई मार्च में देश का हर तबका किसानों का साथ... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 16
मेरा पहाड़ दिन भर मक्का के खेतों में या प्रयोगशाला में और कभी-कभार साहित्य की दुनिया में, यही दिनचर्या बन गई थी. पहाड़ शिद्दत से याद आता था. घर की नराई लगती थी. मन गुनगुनाता ही रहता था- पंछी ह... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 40
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
सुन्दरदूँगा ग्लेशियर के रास्ते पर आखिरी दो गांवों में से एक है जातोली. यहाँ जाने के लिए पिंडारी ग्लेशियर के रस्ते पर पड़ने वाले गाँव खाती से 2 किमी पहले एक रास्ता अलग होता है. आगे चलकर पिंडर... Read more
आज मशहूर स्पेनिश पेंटर बार्तालोम एस्टेबान मुरिलो का जन्मदिन है. गूगल डूडल बनाकर उनकी 400वीं जयंती मना रहा है. मुरिलो का बचपन गरीबी में बीता गया था. उनके पिता नाई और सर्जन थे. उन्होंने अपने अ... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 39
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
कंगडाली की यादें – धीराज गर्ब्याल के कैमरे से
धारचूला की चौदांस पट्टी रहने वाले रं संस्कृति के लोग हर बारहवें वर्ष कंगडाली का त्यौहार मनाते हैं. इस पर्व में चौदांस घाटी के लोग दूर-दूर से अपने गाँवों में आते हैं और एक नियत दिन पारम्परिक... Read more
ज़रा सोचें सच की तस्वीरों को आईने में हम उतारने चलें और तस्वीरें ही बोलने लगें, तो कैसा महसूस होगा हमें? चौंकेंगे? धक्का लगेगा? बिल्कुल लगेगा क्योंकि हमें बोलती तस्वीरों की और आंखों में झाँक... Read more