पिथौरागढ़ मूल के थे भारतीय राष्ट्रगान की बैंड धुन बनाने वाले कैप्टन राम सिंह ठाकुर
इस बात को सभी लोग जानते हैं हैं कि भारतीय राष्ट्रगान रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था. भारत का राष्ट्रगान जन-गण-मन 1911 में रविन्द्र नाथ टैगौर ने लिखा था. इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 के... Read more
तो जाना ही पड़ा लखनऊ से
कहो देबी, कथा कहो – 38 पिछली कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 37 शहर लखनऊ में जब हम कायदे से रस-बस गए, शहर ने हमें अपना लिया और हमने लखनऊ से बाहर पूरे अंचल में अपने बैंक के लिए जनसंपर्क और प्रचार की... Read more
नैनीताल अब कभी नहीं सुन सकेगा मोहनदा के सुर-ताल
नैनीताल में रहने वाला शायद ही कोई ऐसा वांशिदा हो जो मोहनिया या मोहन या मोहन दा को न जानता हो. माल रोड में अपनी लाठी के सहारे रास्ते की टोह लेता हुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ता मोहन कहीं-न-कहीं नजर आ... Read more
इसलिए मैं हरीश बम उर्फ हरसू का आज भी कायल हूं
पहाड़ और मेरा जीवन – 26 ठूलीगाड़ में गुजारे दिनों की बात चल रही है, तो किस्से पर किस्से याद आ रहे हैं. पिछले सप्ताह आपने बूबू के रेडियो के बारे में पढ़ा. इस बार भी मैं बूबू से जुड़ी हुई कुछ... Read more
सड़क को सड़क नहीं, अपना घर समझो
वे पुलिस के बड़े अधिकारी थे और हमारे बचपन के मित्र भी. कल जब वे बहुत दिन बाद शहर आये तो हम दोनों बाइक से शहर घूमने निकले. रास्ते में एक जगह पुलिस चैकिंग हो रही थी. वे ज़ोर से चिल्लाए – ‘अबे रो... Read more
पड़ोसन: ऑल टाइम क्लासिक रोमांटिक कॉमेडी
किंवदंतियों के मामले में पड़ोसन (1968) शायद शोले के बाद दूसरे नंबर पर पड़ती होगी. हिंदी सिनेमा के इतिहास में यह फिल्म ऑल टाइम क्लासिक रोमांटिक कॉमेडी (Padosan: All Time Classic Romantic Come... Read more
कथाकार पंकज बिष्ट को इस वर्ष के राजकमल चौधरी स्मृति सम्मान (Rajkamal Chaudhari Memorial Award 2019) के लिए चुना गया है. कथा-उपन्यास के क्षेत्र में बिष्ट जी ने नए प्रयोग किए. साहित्य को उनका... Read more
मुझे ठीक से याद नहीं लेकिन अगर मैं सही हूँ तो उत्तराखण्ड बनने के साल भर पहले तक यहां के गांवों के घरों के आगे नल पोस्ट लग चुके थे. ये नल के पोस्ट वर्ल्ड बैंक की सहायता से शुरु स्वजल योजना के... Read more
हिमालय की पहचान का खोजी : स्वामी प्रणवानंद
हिमालय के इतिहास पुरातत्व व संस्कृति पर गहन मनन व अध्ययन के प्रणेता रहे स्वामी प्रणवानन्द. कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्गों की लोकथात को अपने विशद परीक्षणों व तल्लीनतापूर्वक की गई जांच पड़ताल के... Read more
भिटौली के महीने में गायी जाती है गोरिधना की कथा
जेठ म्हैणा जेठ होली, रंगीलो बैसाख, रंगीलो बैसाख लाड़ो म्हैणा, योछ चैतोलिया मास. बैणा वे येछ गोरी रैणा मैणा ऋतु मयाल. कुमाऊँ के जोहार अंचल में गाये जाने वाले इस गीत का भाव है— जेठ का महीना सबस... Read more