पहाड़, भाबर व तराई वाले तीन तरह की भूमि के मिश्रणों वाली नैनीताल लोकसभा सीट अपने पहले लोकसभा चुनाव के दिनों से ही ऐसी है. राज्य बनने से पहले इसमें उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की बहेड़ी विधानस... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम
आज से काफल ट्री के पाठकों के लिए गायत्री आर्य का कॉलम शुरू किया जा रहा है. ये कॉलम एक खत के रूप में है. जिसमें एक आधुनिक माँ प्रेगनेंसी से लेकर लेबर रूम तक के अपने अनुभवों को ख़त के माध्यम से... Read more
दिल्ली फिर एक बार
कहो देबी, कथा कहो – 39 पिछली कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 38 तो, परिवार को साल भर के लिए लखनऊ में अकेला छोड़ कर मैं दिल्ली आ गया. समय के साथ कितनी बदल गई थी दिल्ली! पहली बार सन् 1958 में उसे तब द... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन –27 मैं आप लोगों को इस बार केंद्रीय विद्यालय पिथौरागढ़ का किस्सा सुनाने जा रहा हूं. उन दिनों मैं कक्षा सात में पढ़ता था. जैसा कि मैंने आपको पहले बताया था कि कैसे एक रात मे... Read more
पहाड़ में काफल पक चुके हैं
काफल पाको चैता बसंत अब विदा होने को है और काफल पकने को तैयार हैं. ऋतु परिवर्तन के बीच कई जगह वक़्त से पहले भी काफल का पक जाना देखने में आता रहा है लेकिन चैत के महीने में इसके पक जाने का जिक्र... Read more
हम भारतीयों को एक सामान्य बात जो जोड़ कर रखती है वह चमत्कार पर विश्वास. हमें हमेशा चमत्कार पर विश्वास रहा है. उदाहरण के लिए रामायण को ही ले लिया जाय तो रावण को मारने के लिए राम के अवतार की आव... Read more
तीन सांस में पढ़ लो एक अप्रैल की तीस ताजा खबरें
एक अप्रैल की ताजा खबरें – 1. अमेरिका और चीन ने कहा है कि वे निशस्त्रीकरण की दिशा में मिलकर प्रभावी क़दम उठाएंगे. (हमाऔ नाम और लिख लियो !- रूस ने कही) 2. राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि अमेर... Read more
वनवासियों की व्यथा : समाधान अनुत्तरित
पिछली क़िस्त वनवासियों की व्यथा : बेदखली वन संरक्षण कानून बनने तक आदिवासियों को अतिक्रमण करने वाले या अवैधानिक रूप से कब्जा करने वालों के रूप में देखा जाता था पर इस नए कानून ने उन्हें उनके कब... Read more
क्या सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा उत्तराखण्ड में चुनावी मुद्दा नहीं हो सकते?
आपका उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में घर हो और अठारह सालों में पहाड़ की यात्रा में आपने कितने बार यह कहा है कि इस बार की सड़क यात्रा शानदार रही. पहाड़ की जीवनरेखा बताकर 1960 से हमारी जमीनें सरकार... Read more
फिल्म दिल्लगी(1978) में सट्ल ह्यूमर (Subtle humour) की श्रेष्ठ बानगी देखने को मिलती है. फिल्मकार ने, मानव- स्वभाव के सूक्ष्म मनोविज्ञान को गहरे से पकड़ा है. ऐसा प्रयोग बासु चटर्जी ही कर सकते... Read more