हल. भारतीय पारम्परिक कृषि का एक अति महत्त्वपूर्ण उपकरण. हल शब्द सुनते ही दिमाग में जो अर्थ आता है वह समाधान ही रहता है. लेकिन एक समय वह भी था जब हल सुनते ही किताबों में मिलने वाला ह से हल का... Read more
चफुवा की परियां और नूडल्स का हलवा
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 3 (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस्सी से पार क... Read more
कुछ कर गुजरने का इरादा और उसके लिए मेहनत करने का जज्बा हो तो हर मंजिल आसान है. इसकी मिसाल पेश की है सिंगापुर में रहने वाली उत्तराखंडी मूल की अजिता बिष्ट ने. ढाई महीने तक कई चरणों में संपन्न... Read more
बीसवीं सदी के सबसे बड़े थियेटर अभिनेताओं में गिने जाने वाले सर लॉरेन्स ओलिवियर, जिनका आज जन्मदिन है (जन्म: 22 मई 1907), को आज भी उनके द्वारा अभिनीत शेक्सपीयर के सबसे मशहूर पात्र हैमलेट के लिए... Read more
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 (पिछली कड़ी : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1) सुबह आगे की तैयारी शुरू हुई. नाश्ता कर हम सभी गोगिना गांव की ओर तिरछे रास्ते को चल पड़े. तंबू ने आज भी हमारा पीछा... Read more
खाँटी साहित्यकारों की साहित्यिक बातें
उनका फोन कई दिन से आ रहा था. औपचारिकतावश मैंने भी दो-तीन बार फोन कर लिया. हम दोनों ने एक दूसरे से बिल्कुल एक समान बातें कीं. आपका लेखन बहुत अच्छा है, आपसे मिलना चाहिये, आप में बहुत सम्भावनाए... Read more
बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल
पहाड़ के युवाओं में हिमालय की यात्राओं के लिए जिस तरह का नैसर्गिक उत्साह पाया जाता रहा है, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है. बागेश्वर में रहने वाले हमारे पत्रकार-लेखक साथी केशव भट्ट, जिन्हें आप पह... Read more
मेरा और खड़कुवा का बचपन
खड़कुवा और मेरी मांओं ने हमें ऐसे ही मिट्टी लिपे फर्शों पर जन्म दिया था और हमें गाँव किनारे के उसी पोखर पर नहलाया था जहाँ आज भी औरतें अपने बच्चों को नहलाती हैं. फर्क यह आ गया है कि अब वहाँ प्... Read more
हमारा भोजन और स्वास्थ्य हैं इस साल के अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम्स
संयुक्त राष्ट्र संघ ने आज यानी 22 मई का दिन अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस यानी इन्टरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवरसिटी के रूप में घोषित किया हुआ है (Celebrating International Biodiversity D... Read more
माँ की इच्छाओं की अकाल मृत्यु
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – सातवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: ये नरभक्षी सियासत का दौर है मेरे बच्चे, तुम कैसे निबाहोगे? यहां मेरे पड़ोस में एक नई नवेली मां रहती है बहुत खुश, मातृत्व सुख म... Read more