शादी में आये मेहमानों का मल बह रहा है औली में
यह तो होना ही था! उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने और सरकार की आय में बढ़ोत्तरी करने के नाम पर अब विख्यात हो चुकी जिस शादी के लिए औली के बुग्याल को किराए पर चढ़ा दिया गया था, वहां अब उसके... Read more
गणेश मर्तोलिया ने लोकसंगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. बेहद विनम्र स्वभाव के गणेश हर समय पुरानी लोकधुनों की खोज में रहते हैं. उनके एक गीत पर हमने कुछ माह पहले एक पोस्ट भी लगाई... Read more
निश्चित ही कब्रिस्तानों का एक आकर्षण होता है! निस्तब्धता, निरभ्रता, शायद इस जगह से मुखर कहीं ओर नहीं होती. और फिर पहाड़ों के कब्रिस्तान तो सम्मोहित सा करते हैं अक्सर. नैनीताल, रानीखेत, अल्मो... Read more
कैंचीधाम से आगे बढ़ने पर अल्मोड़ा-भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर क्षरण होते पहाड़ दिखे, पर एक अनोखी चीज और दिखी जिसका पहाड़ की धरती में पुरातात्विक व पारम्परिक महत्व है. खीनापानी के निकट जम... Read more
एथलेटिक्स में भारत को पहली बार विश्वस्तरीय ऊंचाइयों पर पहुंचाने का श्रेय पी टी ऊषा को जाता है. ओलिम्पिक्स और विश्व एथलेटिक्स मीट जैसे आयोजनों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर देश के युवाओं को खेलों क... Read more
ईश्वर के नाम शम्भू राणा का ख़त
प्रिय ईश्वर, आज जमाने भर बाद किसी को पत्र लिखने बैठा हूं. तुम तो जानते ही हो कि अर्सा हुआ खतो—किताबत का चलन तकरीबन खतम हो गया. अब संवाद के दूसरे त्वरित माध्यम मौजूद हैं. मगर चिट्ठी लिखने का... Read more
अल्मोड़े का हॉलिडे होम और उसके निम्मी और कोहली
अल्मोड़ा में सबसे पहला प्रवास श्री गोपाल सिंह बिष्ट एवं श्री प्रशांत बिष्ट के सौजन्य से कुमाऊं मंडल विकास निगम के हाॅलिडे होम में हुआ. यह बहुत संक्षिप्त प्रवास था. अल्मोड़ा में जहां कुमाऊं म... Read more
फिर कि भौ उर्फ उत्तरकथा
“पूरी कथा सुना दी हो देबी तुमने तो.” “पूरी कथा? अभी कहां पूरी हुई?” “क्यों रिटायरमेंट तो हो गया?” “रिटायमेंट हो गया तो क्या हुआ? वह तो नौकरी से रिटायरमेंट हुआ, जिंदगी की कथा तो चल ही रही ठैर... Read more
कुमाऊँ के बेताज बादशाह सर हेनरी रैमजे
भारत में अंग्रेज़ लोग लगभग दो सौ साल तक रहे जिसमें कि ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन काल सौ वर्षों तक— 1757-1858 व ब्रिटिश क्राउन किंगडम का शासन नब्बे वर्षों— 1858.1947 तक रहा. ब्रिटिश शासन... Read more
उत्तराखंड की सोर घाटी और कत्यूर घाटी में छुरमल बहुत से गांवों के इष्टदेव हैं. छुरमल के पिता का नाम कालसिण है. कालसिण को ही कालचिन या कालछिन भी कहा जाता है. कालसिण को मां कालिका का पुत्र माना... Read more