काली कुमाऊँ के देवीधूरा की बग्वाल
काली कुमाऊँ के देवीधूरा में रक्षा बंधन (श्रावणी पूर्णिमा) के दिन बग्वाल (पत्थर युद्ध) खेले जाने की परंपरा है. इससे पहले परंपरा के अनुसार श्रावण शुक्ल एकादशी के दिन बग्वाल यूद्ध में भाग लेने... Read more
पूर्व आक्रामक भारतीय वनडे ओपनर ने आत्महत्या की
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और ओपनिंग बल्लेबाज वी. बी. चंद्रशेखर ने कल चेन्नई के मायलापुर इलाके में अपने घर में आत्महत्या कर ली. उनकी देह दूसरी मंजिल पर स्थित उनके बेडरूम की छत पर पंखे से लटकी पाई... Read more
तो क्या ऐसे में तुम मुझसे प्रेम कर पाओगे?
तुम प्रेम में इतने डरे डरे क्यों हो ? … और इसके उत्तर में काफ़ी देर शून्य में ताकता रहा. फिर जैसे उसने बहुत गहरे कुँए से अपनी आवाज़ को खींचा और बोला- मैं पश्चाताप का आदिपुरुष हूँ. कहीं भी कु... Read more
वड्डा की बाजार का बात हो और ममता जलेबी का जिक्र न किया जाय तो आपकी बात अधूरी रहेगी. ममता जलेबी और वड्डा बाजार एक दूसरे के पूरक हैं. चटख लाल रंग की गर्मागर्म जलेबी के साथ वड्डा और इसके आस-पास... Read more
प्यार करते हैं नवीन सागर लालच और नफरत की ऑंधी हैफोटू में गॉंधी हैऔर बाजार ही बाजार है. ऐसे में वह दिन आता हैजब युद्ध जरूरी हो जाता हैनजरें बचाते हुएकहते हैं युद्ध अब जरूरी है. वह दिन आता हैज... Read more
क्या होती है पार्थिव पूजा
पार्थिव पूजा कुमाऊँ में सर्वत्र मनाया जाने वाला अनुष्ठान है. श्रावण के महीने में काली चतुर्दशी के दिन इस पूजा का विशेष महत्त्व माना जाता है. (Parthiv Puja and Folk Art) श्रावण मॉस के इस दिन... Read more
देवीधूरा से 2019 के बग्वाल की तस्वीरें
कोरोना महामारी के चलते देवीधूरा में विख्यात बग्वाल का आयोजन नहीं होगा. हर साल रक्षाबंधन के दिन होने वाली बगवाल इस बार तीन अगस्त को होनी है, लेकिन कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए 28... Read more
लिखता हूँ ख़त खून से स्याही न समझाना
ख़तो-किताबत-शंभू राणा क़ासिद के आते-आते ख़त एक और लिख रखूं, ... Read more
मोनाल के जोड़े की अकल्पनीय सुन्दर तस्वीरें
महाराष्ट्र में औरंगाबाद के रहने वाले बैजू पाटिल एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं और उनकी विशेषज्ञता है वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी. (Unbelievable Photos of Monal Pair) अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय... Read more
बलि का बकरा – देवेन मेवाड़ी की कहानी
कहानी की कहानी उर्फ़ बकरा बलि का ईजा (मां) बीमार थी. उसका बहुत मन था कि देबी खूब पढ़े हालांकि वह कभी स्कूल नहीं गई थी. उसने प्रकृति की किताब पढ़ी थी और मुझे अपनी भाषा में पेड़-पौधों और प्राणि... Read more