नवरात्र का समय था. हम कुछ दोस्त माँ के दर्शन के लिए गार्जिया मन्दिर गए थे. मन्दिर में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी थी. हम सब भी उस कतार में शामिल हो गये. मौसम सुहाना था. बहुत... Read more
ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर सरकार ने भगत सिंह की ‘काले अंग्रेजों के राज’ वाली बात पर मुहर लगा दी
उलान बतोर, अस्ताना, मोस्को, हेलसिंकी, रेक्जाविक, ओटावा विश्व की कुछ सबसे ठंडी जगहों के नाम हैं. इन सभी जगहों का औसतन वार्षिक तापमान साढ़े पांच डिग्री सेंटीग्रेट से कम रहता है. इन सभी शहरों मे... Read more
मुनस्यारी के लोगों ने बैंककर्मी को रिटायरमेंट वाले दिन घोड़े पर बैठा पहुंचाया घर
घोड़े में बैठे आदमी की हजारों तस्वीरें आपने देखी होंगी. कोई घोड़े पर शौक से बैठता है तो कोई दुल्हनिया लाने को भी घोड़े पर बैठता है. पहले ज़माने में घोड़े पर बैठने का एक कारण और होता था. लोग किसी... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 47 (Column by Gayatree arya 47) पिछली किस्त का लिंक: सिर्फ ‘नर’ योनि में जन्म लेने भर से लड़कों के पास ज्यादा मौके हैं इस दुनिया में अच्छा डॉक्टर, वैज्ञा... Read more
28 नवंबर 2001, पवित्र रमज़ान का महीना, सोपोर, कश्मीर. सर्दियों का मौसम अपने यौवन पर. मेरे मुस्लिम साथी सैनिक रोजे पर थे. धनाढ्य लोग अपने वातानुकूलित घरों में और आम जनमानस सर्दी से बचने के लि... Read more
उत्तराखंड में भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता के बाद मुख्यमंत्री के लिये बड़े-बड़े कद्दावर नेताओं के नाम आगे आने लगे. बाज़ी मारी एक लो प्रोफाइल नेता ने, नाम था त्रिवेंद्र सिंह रावत. T... Read more
वसंत के मौसम में बिनसर
अल्मोड़ा जिले से करीब करीब तीस किमी की दूरी पर है बिनसर. बिनसर जो कि बिनसर वन्य जीव अभ्यारण का हिस्सा है. बिनसर जहां से हिमालय की चोटियों का जादुई नज़ारा दिखता है. Binsar in Spring समुद्र तल स... Read more
उत्तराखण्ड के कई खिलाडियों ने खेलों की दुनिया में अपना मुकाम बनाया है. हल्द्वानी की प्रियंका भंडारी इसी सिलसिले में एक और नाम है. बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रियंका भंडारी को आस्ट्रेलि... Read more
हिमालय की कठिन चढ़ाई के दौरान बुजुर्गों द्वारा सूखी लाल मिर्च खाने का किस्सा
पंकज अब अपनी रौ में आ गया था. सुबह जल्दी उठो के नारे के बाद उसने कमान अपने हाथ में ले ली. मैं मुस्कुरा दिया. चाय पीने के बाद हमने नागन्यालजी से विदा ली और नागलिंग गांव के किनारे से ढलान का र... Read more
साल 1948 डॉ ऐलीजाबेथ और लॉरी बेकर का जोड़ा अपना हनीमून मनाने पिथौरागढ़ आता है. कस्बे से चार-पांच किमी की दूरी पर बसा चंडाक इन दोनों को ऐसा भाता है कि अगले कई वर्षों तक दोनों यहीं रहते हैं. ऐली... Read more