मोहब्बत का जो रस्ता है बहुत दुश्वार होता है
शांतिप्रिय तिब्बतियों के मुल्क पर चीन के क्रूर कब्ज़े को चालीस साल बीत चुके थे. एक समय पूर्वी दर्शन के सबसे बड़े केंद्र रहे ल्हासा की सड़कें चीनी सिपाहियों के बूटों तले रौंदी जा रही थीं. तमा... Read more
दुनिया का पहला उपन्यास एक ऐसी औरत ने लिखा था जिसका असली नाम तक हम नहीं जानते
आज से हजार साल पहले का जापान उल्लेखनीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण से गुज़र रहा था. आर्थिक सम्पन्नता के उस दौर में, ख़ास तौर पर स्त्रियों के विकसित सौन्दर्यबोध को उनका नैतिक गुण माना जाता था. सुन्... Read more
यशपाल शर्मा को श्रद्धांजलि
9 जून 1983 को भारत ने वर्ल्ड कप क्रिकेट का पहला मैच वेस्ट इंडीज के साथ खेला. इसके ठीक पहले हमारी टीम वेस्ट इंडीज में पांच टेस्टों की सीरीज में 0-2 से पिट कर आई थी. तीन वन डे भी खेले गए जिनमे... Read more
अल्मोड़ा के ‘फूलों वाले पेड़’ की याद में
उसे फूलों वाला पेड़ कहा जाता था. पेड़ देवदार का था और उस पर लदे रहने वाले फूल बोगनवेलिया के. खिलने के मौसम में उसकी लकदक शब्दों के बयान से परे की चीज हुआ करती. (Almora Mall Road Bougain... Read more
पुणे के श्रीवत्स अनाथालय के रेकॉर्ड्स में उसके माता-पिता के बारे में ठोस जानकारी नहीं है. उनका वास्तविक नाम किसी को नहीं मालूम. पता नहीं कि वे उस नवजात को लेकर आए थे या ऐसे ही बाहर छोड़ गए थ... Read more
देश के सबसे बड़े चैम्पियन एथलीट को श्रद्धान्जलि
विभाजन की त्रासद हिंसा में मिल्खा सिंह के माता-पिता, एक सगी बहन और दो सगे भाई मार डाले गए थे. पाकिस्तान से भाग कर दिल्ली पहुंचे मिल्खा कुछ दिन अपनी बहन के घर रहे. उसके बाद उन्होंने रेलवे प्ल... Read more
‘हम देखेंगे’ वाली इक़बाल बानो
रोहतक के एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी दसेक साल की उस दुबली मुस्लिम लड़की की एक सबसे पक्की हिन्दू सहेली थी. सहेली और उसकी बहन अपने संगीतप्रेमी पिता के निर्देशन में क्लासिकल गाना सीख रही थीं... Read more
स्टीफन हॉकिंग को गए आज तीन साल हो गए हैं
उनकी खास तरह की व्हीलचेयर, बीमारी की वजह से विकृत हो गया, एक तरफ को मुड़ा हुआ चेहरा, मोटे चश्मे के पीछे से झांकती बेबाक आंखें और टेढ़ी-मेढ़ी लम्बी उँगलियां मिल कर आम जन के अचेतन में एक अकल्प... Read more
आई भगवान ज्यूनै छन: मातृभाषा दिवस विशेष
पैली जमान में धार्मिक विश्वास आदिमूं लिजी भौत ठुल सहार हुंछी. जब लै कोई प्राकृतिक आपदा उनूंकैं दुखी और परेशान करछी लोगबाग यौ सोचि बेर अपुण मन कैं बोत्याई लिछी कि जो लै करो द्याप्तांल करौ और... Read more
अपने सौवें जन्मदिन पर जब उसने अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने भेजा तो पासपोर्ट दफ्तर ने उसकी आयु का हवाला देते हुए पूछा कि वह ऐसा क्यों करना चाहती हैं. उसने जवाब भेजा – “जस्ट इन केस.”(Alexandra D... Read more